आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर दिल्ली में हुए दंगों की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराने की मांग की। मायावती ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा कि दिल्ली में पिछले दिनों वर्ष 1984 की ही तरह जो दंगे हुए उनमें जान माल की जबरदस्त हानि हुई है। जो देश के लिए चिंता का विषय है।
राष्ट्रपति को भेजे गए लेटर में मायावती ने कहा कि दिल्ली में हुई घटना दुनिया भर में नेगेटिव चर्चा का विषय बना हुआ है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार की इस घटना पर विशेष जिम्मेदारी बनती है कि भाजपा न खुद ऐसा कोई काम करें और न ही पार्टी के लोग किसी तरह का उग्र बयानबाजी आदि सहन करें, जिससे हिंसा और अराजकता फैले और जान-मान की हानि के साथ अंतराष्ट्रीय हेडलाइन बनकर देश की बदनामी हो।
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बसपा सुप्रीमो ने राष्ट्रपति से यह भी कहा है कि भाजपा सरकार कानूनी संवैधानिक जिम्मेदारियों निभाने में काफी हद तक विफल रही है। जिसके कारण दिल्ली में अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 200 लोग घायल हैं।
मायावती ने आगे कहा कि इस महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी के दौर में कारोबार ध्वस्त हो गए। दिल्ली दंगों के पीछे पुलिस-प्रशासन की लापरवाही जग जाहिर है, लेकिन इंसाफ का तकाजा यह है कि दिल्ली के दामन पर 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों की तरह लगे बदनुमा दाग को धोने के लिए दंगे की इन घटनाओं की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो।
मायावती ने पत्र में मांग की है जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में होनी चाहिए ताकि जांच के छ सही मायने निकल सकें। उन्होंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि दिल्ली दंगों में जिन लोगों को जानमाल का नुकसान हुआ है और जो घायल हुए हैं, उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार को निर्देश दिये जाएं।