आरयू ब्यूरो, लखनऊ। अर्थव्यवस्था के हालात को लेकर मंगलवार को यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि है कि देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था के प्रति भाजपा सरकार का रवैया उपेक्षापूर्ण है। भाजपा सरकार का ख्याल है कि वह आंकड़ो में उलझाकर जनता को उनकी रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी मूलभूत समस्याओं से ध्यान बंटाने में सफल हो जाएगी।
अपने एक बयान में सपा अध्यक्ष ने कहा कि आज हालात ये हैं कि खाने-पीने से लेकर तमाम आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। लोग बर्बाद हो रहें हैं।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा अर्थव्यवस्था में सुधार के चाहे जो दावे करे सच्चाई यह है कि देश विदेश के आर्थिक विशेषज्ञो ने भी देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट और विकास दर पांच फीसदी की आधी ही रह जाने की चेतावनी दी है। भाजपा सरकार के लिए चालू वित्त वर्ष में 2019-20 में 65 हजार करोड़ रूपए के संशोधित विनिवेश लक्ष्य को हासिल करना संभव नहीं दिख रहा है। आर्थिक विश्लेषक एजेंसी फिच सोल्यूंसस ने भी भारत की विकास दर में गिरावट का अंदेशा जताया है।
किसानों की आत्महत्या में दुगुनी बढ़ोतरी
हमला जारी रखते हुए अखिलेश बोले कि किसान की आय दुगुनी तो दिवा स्वप्न है, लेकिन किसानों की आत्महत्या में दुगुनी बढ़ोतरी जरूरी भाजपा सरकार में हो गयी। साथ ही नौजवानों की बेरोजगारी में वृद्धि दर भी कई गुना बढ़ी है। भाजपा सरकार रोजगार के प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ने के दावे कर रही, पर इन दावों के विपरीत तथ्य यह है कि देश में रोजगार के मौक घटते जा रहे है। बेरोजगारी की दर बढ़कर 7.78 फीसदी पर पहुंच गयी है। सेन्ट्रल फॉर मानिटरिंग इंडियन एकोनामी की रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी 7.37 फीसदी पर पहुंच गयी है। इन सबसे बात साफ है कि भाजपा सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते देश गंभीर आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहा। जन सामान्य की तकलीफों पर किसी का ध्यान नहीं है। भाजपा सरकार अपने बचाव में ही सीएए, एनआरसी, एनपीआर जैसे नए-नए नारे लगाने में व्यस्त है। उसे देश नहीं अपनी सत्ता को बचाने की चिंता है।