आरयू ब्यूरो, लखनऊ। चौराहों पर उपद्रव के आरोपितों की फोटो लगाए जाने के बाद शुक्रवार को सूबे की राजधानी लखनऊ के घंटाघर पर चल रहे प्रदर्शन में हजारों की संख्या में पहुंचीं महिलाओं ने सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ आवाज बुलंद की।
प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने उपद्रव के आरोपितों की फोटों को चौराहे पर लगाए जाने पर भी नाराजगी जाहिर की। महिलाओं का कहना था कि धर्म गुरु समेत आम लोगों की फोटो लगाना किसी भी नजरिए से सही नहीं है।
दिल्ली की शहीन बाग की तर्ज पर लखनऊ के पुराने घंटाघर पर सीएए व एनआरसी के खिलाफ चल रहें महिलाओं के प्रदर्शन के 50 वें दिन बारिश व तेज हवाओं के बाद भी हजारों महिलाओं के एकाएक पहुंचने पर पुलिस ने फोर्स बढ़ा दी गयी है।
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वहीं प्रदर्शनकारी महिलाएं आज अपरान्ह पानी बरसने के दौरान भी मौके पर तिरपाल व पन्नी ओढ़कर डटी रही। धरने के 50 वें दिन महिलाएं सीएए, एनआरसी व एनपीआर के विरोध में नारे लगाने के साथ ही राष्ट्रगीत “सारे जहां से, अच्छा हिंदुस्तां हमारा” गाती रहीं।
महिलाओं व प्रदर्शन में शामिल कुछ बच्चों के हाथों में एनआरसी, एनपीआर व सीएए विरोधी नारे लिखीं तख्तियां होने के साथ ही उन पर नो सीएए, नो एनआरसी, रिजेक्ट सीएए और बायकॉट एनआरसी जैसी बातें लिखी हुई थी।
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वहीं आज महिलाओं के प्रदर्शन के 50 दिन पूरे होने पर प्रेरणा कला मंच के कलाकारों ने नाटक का मंचन कर हिंदू-मुस्लिम एकता, भाईचारे व सौहार्द का संदेश दिया, जबकि फादर आनंद ने देशभक्ति गीत गाकर सीएए व एनआरसी का विरोध किया।