आरयू वेब टीम। अप्रैल यानी आज से नए वित्त वर्ष की शुरुआत हो चुकी है। इस नए वित्त वर्ष में सबसे बड़ा बदलाव बैंकिंग सेक्टर में हो रहा है। दरअसल, आज से सार्वजनिक क्षेत्र के छह बैंकों का अलग-अलग चार बैंकों में विलय हो जाएगा। अगले तीन वर्ष के दौरान इस विलय के जरिए बैंकों को 2,500 करोड़ रुपये का लाभ होने का अनुमान है। यह विलय ऐसे समय में हो रहा है जब पूरी दुनिया खतरनाक कोरोना वायरस महामारी के जाल में फंसी हुई है।
बैंकों के विलय की इस योजना के तहत ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में विलय किया जाएगा। वहीं सिंडीकेट बैंक का केनरा बैंक में, आंध्र बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया तथा इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय किया गया है। इस विलय के पूरा होने के बाद सरकारी क्षेत्र में सात बड़े और पांच छोटे बैंक रह जाएंगे।
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ग्राहकों पर होगा ये असर
विलय के बाद आपको एक नया खाता नंबर और कस्टमर आइडी मिल सकती है। नए चेकबुक समेत अन्य चीजें जारी हो सकती हैं, हालांकि, ये सब आज ही से लागू नहीं होगा। इसे बैंकों की ओर से धीरे-धीरे लागू किया जाएगा। ऐसे में जरूरी है कि आपके ईमेल पता/और मोबाइल नंबर का बैंक शाखा के साथ अपडेट हों, ताकि आपको बैंक की ओर से बदलाव की सूचना मिल सके।
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विलय के बाद 12 सरकारी बैंक रह जाएंगे
– पंजाब नेशनल बैंक+यूनाइटेड बैंक+ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (पंजाब नेशनल बैंक)
– केनरा बैंक+सिंडिकेट बैंक (केनरा बैंक)
– इंडियन बैंक+इलाहाबाद बैंक (इंडियन बैंक)
– यूनियन बैंक+आंध्रा बैंक+कॉरपोरेशन बैंक (यूनियन बैंक)
– बैंक ऑफ इंडिया
– बैंक ऑफ बड़ौदा
– बैंक ऑफ महाराष्ट्र
– सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
– इंडियन ओवरसीज बैंक
– पंजाब एंड सिंध बैंक
– भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई)
– यूको बैंक
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बता दें कि पिछले वित्त वर्ष में देना बैंक और विजय बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय किया गया। इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक में उसके सभी सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया गया। स्टेट बैंक आफ पटियाला, स्टेट बैंक आफ बीकानेर एण्ड जयपुर, स्टेट बैंक आफ मैसूर, स्टेट बैंक आफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक आफ हैदराबाद का देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक में विलय एक अप्रैल 2017 से प्रभाव में आ चुका है।