आरयू ब्यूरो, लखनऊ। श्रम कानून में बदलाव के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है। कांग्रेस व सपा के हमला बोलने के बाद शनिवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी योगी सरकार को निशाने पर लिया है।
आज अपने एक बयान में मायावती ने कहा कि कोरोना से प्रभावित हालात का गलत फायदा उठाकर श्रम कानून से छेड़छाड़ अमानवीय व शोषणकारी है। उन्होंने आगे कहा कि लॉकडाउन से देश की रीढ़ मानी जाने वाले करोड़ों मजदूरों व श्रमिकों का सबसे ज्यादा बुरा हाल है, फिर भी उनसे कानूनी तौर पर आठ की जगह 12 घंटें काम लेने की शोषणकारी व्यवस्था एक बार फिर से लागू की जा रही है, जो अति-दुःखद व अति-दुर्भाग्यपूर्ण है।
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यूपी की पूर्व सीएम ने सरकार को राय देते हुए आज यह भी कहा कि श्रम कानून में ऐसा संशोधन करना चाहिये जिससे फैक्ट्री व प्राइवेट संस्थानों में काम करने वाले श्रमिकों के रहने की वहीं व्यवस्था हो। श्रमिक किसी भी स्थिति में भूखे न मरे और ना ही उन्हें मजबूर होकर पलायन करना पड़े।
मायावती ने हमला जारी रखते हुए कहा कि अभी फैक्ट्री के खुलने व वहां काम शुरू होने का कुछ ठीक नहीं है, लेकिन राज्य सरकारें बेरोजगारी व भूख से तड़प रहे करोड़ों श्रमिकों/मजदूरों के विरुद्ध शोषणकारी डिकटेट लगातार जारी करने में काफी तत्पर दिखाई पड़ती हैं, यह अति-दुखद व अनुचित जबकि इस कोरोना के संकट में इन्हें ही सबसे ज्यादा सरकारी मदद व सहानुभूति की जरूरत है।