आरयू ब्यूरो, लखनऊ। आज के दौर में हम लोग बेहद चुनौती झेल रहे हैं। कोविड-19 संक्रमण के साथ ही बरसात के मौसम में संचारी रोग भी बढ़ने की संभावना है। कोविड-19 के संक्रमण के प्रचार पर अंकुश लगाने के साथ हमको अब बरसात जनित यानी संचारी रोग को रोकना हमारी वरीयता है। कोविड-19 के कारण ही हमने प्रदेश में तीन दिन लॉकडाउन का कदम उठाया है। इसके लिए भी हमने 11 व 12 जुलाई का समय लिया, इसमें सेकेंड सेटर डे व संडे को अवकाश रहता है। हम बिना अपने काम को प्रभावित किए इन दोनों दिन का समय सैनेटाइजेशन तथा बचाव के अन्य साधन अपनाने में करेंगे।
उक्त बातें शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का शुभारम्भ एवं कोविड-19 जांच हेतु नवसृजित मंडलीय प्रयोगशालाओं का लोकार्पण कर कर कही। विश्व जनसंख्या दिवस पर कार्यक्रम का शुभारंभ कर सभा को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा प्रदेश में जनसंख्या का घनत्व और जन्म दर देश की तुलना में काफी ज्यादा है। इसका प्रभाव मातृ और शिशु मृत्यु दर पर देखा जा सकता है इसलिए राज्य में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान व अन्य योजनाएं व्यापक पैमाने पर संचालित की जा रही हैं। आज के दौर में हमको स्वस्थ समाज की स्थापना के लिए हमको नए स्तर से प्रयास करने की जरूरत है। पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर देश व प्रदेश में अब काल,समय व परिस्थिति के अनुसार वरीयता तय की जा रही है।
प्रदेश में हमने 18 मंडल में कोविड-19 की सुविधा प्रदान की है। भविष्य में हम हर जनपद में ट्रू नेट मशीन लगाकर जनपद वार कोविड का परीक्षण करेंगे। इसके अलावा प्रदेश में शिशु मृत्यु दर को कम करने में हम सफल रहे हैं। विश्व जनसंख्या दिवस पर हमारा प्रयास प्रदेश की सकल जन्मदर को राष्ट्रीय स्तर से कम करने का है। प्रदेश में हमने शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए अलग से आधुनिक व्यवस्था की है। जिला तथा मंडल स्तर पर अस्पतालों में अलग से ओपीडी स्थापित की गई है। माताओं के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जा रहा है। समय-समय पर बच्चों का टीकाकरण अभियान भी चलाया जा रहा है।
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वहीं योगी ने आगे कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के 38 जनपद, वेक्टर जनित डिसीज से प्रभावित थे, इंसेफेलाइटिस समेत कई ऐसी बीमारियां थीं, जिनकी चपेट में आकर तमाम नवजात शिशु या फिर बच्चे असमय काल-कवलित होते थे। इसको लेकर व्यापक पैमाने पर जो कार्यक्रम चलाए गए, उनसे 90 फीसदी तक मृत्यु दर को नियंत्रित करने में हमें सफलता प्राप्त हुई।
जबकि नीति आयोग ने आठ ऐस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट बनाए हैं। इसमें मातृ मृत्यु-दर व शिशु मृत्यु-दर के बारे में प्रत्येक माह जनपदों की समीक्षा होती है। इन जनपदों में मातृ मृत्यु-दर व शिशु मृत्यु-दर में कमी लाने के लिए जो प्रयास प्रारम्भ हुए हैं,उसके बहुत ही आशातीत परिणाम हम सबको प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा 102- एम्बुलेंस की 2,270 यूनिटें, प्रदेश में क्रियाशील हैं। मई, 2020 तक तीन करोड़ 85 लाख लाभार्थियों को इस सेवा के माध्यम से लाभान्वित किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल की वॉयरोलॉजी लैब का ऑनलाइन उद्घाटन किया। निदेशक डॉ. राजीव लोचन ने बताया कि आज से अस्पताल में कोरोना मरीजों की जांच शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि बलरामपुर सहित सात जिलों में वॉयरोलॉजी लैब का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया है। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना समेत अन्य मंत्री व वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहें।