25 करोड़ पौधारोपण अभियान की शुरूआत कर बोले CM योगी, कोरोना काल में लोगों को औषधीय प्रजातियों की महत्‍ता का हुआ अहसास

औषधीय प्रजातियों की वनस्पतियों

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कोरोना महामारी से बचाव के लिए लोग भारत के पारंपरिक ज्ञान आयुर्वेद की शरण में गए। लोगों को औषधीय प्रजातियों की वनस्पतियों की महत्ता का अहसास हुआ। जो लोग विभिन्न प्रकार के पेय लेते हैं, वे भी अब काढ़ा पी रहे हैं। काढ़ा हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। काढ़ा और औषधीय प्रजातियों के प्रति जागरूकता बढ़ी है।

उक्‍त बातें रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में वन महोत्सव के अंतर्गत 25 करोड़ पौधा लगाने के बड़े अभियान का शुभारंभ कर कही। सीएम योगी ने वन महोत्सव के तहत आज आयोजित वृहद पौधारोपण कार्यक्रम के मिशन पौधारोपण -2020 का शुभारंभ किया। योगी ने राजधानी के कुकरैल वन क्षेत्र में हरिशंकरी का पौधा रोपा। यूपी में अब तक पांच करोड़ 68 लाख 35742 पौधे लगाए गए हैं। प्रदेश भर में वृक्षारोपण के साथ जियो टैगिंग का कार्य जारी है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के प्रोटोकॉल का पालन कर हम इस महाभियान में भागीदार बन सकते हैं, यह कार्यक्रम उसका साक्षी बना है। भारत के श्रेष्ठ ज्ञान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए आयोजित किए जाने वाले गुरु पूर्णिमा पर्व के साथ वन महोत्सव का यह अद्भुत संगम आज 25 करोड़ पौधे रोपने के लक्ष्य के साथ प्रारंभ हुआ है।

वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान भी हैं हम उसके बचाव के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इस महाभियान में भागीदार बन सकते हैं, वृहद पौधारोपण अभियान उसका साक्षी बन रहा है। सभी जिलों में इसके लिए जोश और जुनून दिख रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 5.3 करोड़ पौधे पूरे प्रदेश में रोपित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह पर्यावरण के प्रति जागरुकता का सुंदर उदाहरण है। यह कार्यक्रम कोविड-19 से पहले, उसके दौरान और उसके बाद की परिस्थितियों में आने वाले बदलावों का एक चित्र भी प्रस्तुत करेगा।

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योगी ने आगे कहा कि सबसे उर्वर भूमि हमारे प्रदेश में है और सबसे बड़ी आबादी भी। इतनी बड़ी आबादी के बाद भी विकास के जो नए प्रतिमान यूपी ने स्थापित किए हैं, यह कार्यक्रम उसी सिलसिले का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान प्रदेश में 30 लाख से ज्यादा परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर दिए गए। यह भी प्रयास किया गया कि इनमें से प्रत्येक परिवार अपने घर पर सहजन का एक पौधा लगाए। ज्यादातर लोगों ने सहजन के पौधे लगाए। तीन वर्ष में यह पौधा जब वृक्ष के रूप में फली देने लगेगा तो कई तरह के कुपोषण से मुक्ति मिलेगी।

औषधीय प्रजातियों की वनस्पतियों
कार्यक्रम को संबोधित करते मुख्यमंत्री।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ऋषि परंपरा के ज्ञान आयुर्वेद की शरण में सभी को जाना पड़ा।  उन्होंने कहा कि वृहद पौधारोपण अभियान में वन एवं पर्यावरण सहित सभी सरकारी विभागों के साथ जन समुदाय भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहा है। हम पौधे लगाने के साथ उसे बचाने की भी पूरी तैयारी रखें। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि देर शाम तक हम 25 करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य अवश्य प्राप्त करेंगे।

सीएम योगी ने ये भी कहा कि वन महोत्सव सप्ताह के अंतर्गत हर जनपद में विशिष्ट वाटिका पौधारोपण के अंतर्गत- स्मृति वाटिका, पंचवटी, नवग्रह वाटिका, नक्षत्र वाटिका, हरिशंकरी का रोपण कराया जाएगा। वन विभाग की पौधशालाओं एवं वृक्षारोपण के लिए निराश्रित गौ वंश आश्रय स्थलों से कम्पोष्ट के क्रय की व्यवस्था की गई है। पौधारोपण अभियान कुपोषण निवारण, जैवविविधता संरक्षण, जीवामृत के उपयोग तथा गंगा व सहायक नदियों के किनारे पौधारोपण पर केंद्रित है।

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इसके अंतर्गत प्रत्येक ग्राम के आवास के परिसर में सहजन के पौधे का रोपण औषधीय गुणों वाली प्रजातियों के पौधों के रोपण पर बल दिया जा रहा है। इस बार मिशन पौधारोपण-2020 के लिए वन विभाग की 1,760 पौधशालाओं लगभग 44.27 करोड़ पौधे, उद्यान विभाग की 142 पौधशालाओं में लगभग 84 लाख से अधिक तथा रेशम विभाग की 76 पौधशालाओं में लगभग 24 लाख से अधिक पौधे उपलब्ध हैं।

कार्यक्रम के दौरान वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान, मुख्‍य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी, अपर मुख्‍य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्‍थी समेंत अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी व नेता मौजूद रहें।