हिंदी को पूरे देश में संवाद की भाषा बनाने का होना चाहिए प्रयास: योगी

संवाद की भाषा
कार्यक्रम का शुभारंभ करते योगी आदित्यनाथ साथ में अन्य।

आरयू ब्‍यूरो,

लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने आज पांच कालीदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर हिंदी भाषा के प्रख्यात साहित्यकारों को सम्मानित किया। उत्‍तर प्रदेश हिंदी संस्थान के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में योगी ने सूचना प्रौद्योगिकी का हवाला देते हुए कहा कि आज जब विजुअल मीडिया इतना हावी है और सोशल मीडिया ने दूरियां कम कर दी हैं, ऐसे दौर में साहित्यकारों और लेखकों की चुनौतियां बढ़ गयी हैं। उन्‍होंने कहा कि साहित्य का मतलब यही है जिसमें सबका हित छुपा हो।

वहीं हिंदी के विषय में बोलते हुए मुख्‍यमंत्री ने कहा कि हिंदी को पूरे देश में संवाद की भाषा बनाने का प्रयास होना चाहिए। हिन्दी दुनिया में सर्वाधिक बोली जाने वाली एक ऐसी भाषा है जिसके विकास के लिए समय-समय पर प्रयास हुए मगर कमी रह जाती है। इन कमियों पर हमें निराश होने के बजाए इस पर ध्यान देना कर अधिक प्रयास कर इनको दूर करना होगा क्‍योंकि साहित्य समाज, संस्कृति और देश को संबल देता है। ऐसा ही साहित्य अमर हो जाता है।

इस अवसर पर डॉ. आनंद प्रकाश प्रकाश दीक्षित को योगी ने भारत भारती सम्मान प्रदान किया। सम्मानित साहित्यकारों को नकद धनराशि के साथ ताम्रपत्र तथा गंगा की प्रतिमा प्रदान की गई। सीएम आवास पर आयोजित इस कार्यक्रम में 72 साहित्यकारों को सम्मानित किया गया।

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इस मौके पर हिंदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. सदानंद प्रसाद गुप्त ने सीएम के साथ विधानसभा अध्यक्ष को प्रतीक चिन्ह प्रदान किया। भारतखंडे के बच्चों ने अपनी कला को दिखाते हुए मुख्य अतिथियों का स्वागत किया। हिंदी में वर्ष 2016 में योगदान के लिए साहित्य के पुरोधाओं को सम्मानित किया गया। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष ह्दय नारायण दीक्षित भी मौजूद रहे।

भारत भारती सम्‍मान-

भारत भारती सम्मान (पांच लाख रुपये) आनंद प्रकाश दीक्षित, लोहिया साहित्य सम्मान (चार लाख रुपये) आनंद मिश्र अभय, हिंदी गौरव सम्मान (चार लाख रुपये) विद्या बिंदु सिंह, महात्मा गांधी साहित्य सम्मान (चार लाख रुपये) नंद किशोर आचार्य, पंडित दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान (चार लाख रुपये) महेश चंद्र शर्मा, अवंतीबाई साहित्य सम्मान (चार लाख रुपये)-प्रो. नेत्रपाल सिंह, राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन सम्मान (चार लाख रुपये)-साहित्यानुशीलन समिति, मद्रास को सम्मनित किया गया।

साहित्‍य भूषण सम्‍मान-

साहित्य भूषण सम्मान (प्रत्येक को दो लाख रुपये) रामशरण गौड़, प्रो.जयप्रकाश, गणेश नारायण शुक्ल, वेद प्रकाश अमिताभ, मधुकर अष्ठाना, विजय रंजन, श्रीराम परिहार, सुरेंद्र दुबे, प्रेमशंकर त्रिपाठी, बलदेव भाई शर्मा, लोकभूषण सम्मान (दो लाख रुपये)-आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप, कलाभूषण सम्मान (दो लाख रुपए)-मंजुला चतुर्वेदी, विद्याभूषण सम्मान (दो लाख रुपये)-हरिशंकर मिश्र, विज्ञान भूषण सम्मान (दो लाख रुपये)-देवेंद्र मेवाड़ी, पत्रकारिता भूषण सम्मान (दो लाख रुपये) -राजनाथ सिंह सूर्य सम्मानित हुए।

प्रवासी भारतीय हिंदी भूषण सम्मान (दो लाख रुपये)-सत्यदेव टेंगर, बाल साहित्य भारती सम्मान (दो लाख रुपये)-भगवती प्रसाद द्विवेदी, मधु लिमये साहित्य सम्मान (दो लाख रुपये)-शिव नारायण मिश्र, श्रीनारायण चतुर्वेदी साहित्य सम्मान (दो लाख रुपये)-हरि जोशी, विधि भूषण सम्मान (दो लाख रुपये)-राम अवतार सिंह, सौहार्द सम्मान (प्रत्येक को दो लाख रुपये)- मनोहरमयुम यमुना देवी (मणिपुरी), प्रकाश भातंब्रेकर (मराठी), बाबू कृष्ण मूर्ति (कन्नड़), को सम्मनित किया गया।

ओमप्रकाश पांडेय (संस्कृत), जेएल रेड्डी (तेलुगु), नंद कुमार मनोचा वारिज (पंजाबी), गंगेश गुंजन (मैथिली), वी. रवींद्रन (मलयालम), राजलक्ष्मी कृष्णन (तमिल), छत्रपाल-जोगिंदर पाल सराफ (डोंगरी), यासमीन सुल्ताना नकवी (उर्दू), मंजू मोदी (उडिय़ा), शशि शेखर तोषखानी (कश्मीरी), रामनिरंजन गोयनका (असमिया), हिंदी विदेश प्रसाद सम्मान (एक लाख रुपये)-सुवास कुमार, विश्वविद्यालयस्तरीय सम्मान (50 हजार रुपये) प्रेमसुमन शर्मा, प्रणव शर्मा शास्त्री। इनके अलावा पुस्तकों पर नामित पुरस्कार भी दिया गया।