आरयू वेब टीम। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंती पर शुक्रवार को भी कृषि कानून के विरोध में पंजाब के किसानों का प्रदर्शन एवं रेल रोको आंदोलन जारी है। आज किसानों के प्रदर्शन का नौंवा दिन है। अमृतसर में किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी पटरी पर बैठी रहे। ये प्रदर्शन पांच अक्टूबर तक जारी रहेगा। वहीं इस प्रदर्शन में जंडियाला गुरु के गांव देवीदासपुर के रेलवे ट्रैक पर बैठी किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी को 31 किसान संगठनों का भी समर्थन मिल गया।
मीडिया से बातचीत में संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि शिअद (बादल) ने कॉरपोरेट घरानों के इशारों पर किसानों के समानांतर आंदोलन शुरू कर दिया है। सुखबीर बादल की जट सिखों के वोट पर नजर है। उन्होंने गांवों के लोगों से अपील की कि वे हर चौराहे पर कॉरपोरेट घरानों के उत्पाद फूंककर उन पर पाबंदी लगाने के लिए आगे आएं। पंजाब के सभी रागी जत्थे, ढाडी जत्थे, कवि-लेखकों के साथ-साथ पंजाब फिल्म इंडस्ट्री के सभी एक्टर और गायक कॉरपोरेट घरानों के उत्पादों के खिलाफ उनका सहयोग करें।
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बता दें कि भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहन) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने गुरुवार को कहा कि नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लक्ष्य से 31 किसान संघों के किसानों ने राज्य में कई जगहों पर ट्रेन की पटरियों को अनिश्चितकाल के लिए अवरूद्ध कर दिया है। उन्होंने बताया कि उनके संघ ने ढाबलां (पटियाला), सुनाम (संगरुर), बुल्ढ़ाना (मानसा) और गिद्दरबाहा (मुक्तसर) में पटरियां अवरूद्ध की हैं। अन्य किसान संघों ने बरनाला, लुधियाना, भटिंडा और अन्य जगहों पर ट्रेनों का रास्ता अवरुद्ध किया है।
किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले किसान 24 सितंबर से ही अमृतसर और फिरोजपुर में पटरियों पर बैठे हुए हैं। कोकरीकलां ने बताया कि किसान संगरुर, बरनाला, मोगा और गुरदासपुर में टोल प्लाजा पर धरना दे रहे हैं, वे कुछ कॉरपोरेट हाउसों के पेट्रोल पंपों और शॉपिंग मॉल के बाहर भी धरना दे रहे हैं। किसानों ने राज्य में कुछ कॉरपोरेट हाउसों और उनकी बनायी चीजों का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। किसानों का कहना है कि केन्द्र सरकार इन काले कानूनों के जरिए कुछ कॉरपोरेट हाउसों को लाभ पहुंचाना चाहती है। बीकेयू(दाकुंडा) के महासचिव जगमोहन सिंह ने कहा कि नए कानूनों के विरोध में किसानों के 31 संगठन 27 जगह पर धरना दे रहे हैं।