आरयू वेब टीम। हाथरस हैवानियत कांड के चारों आरोपितों ने अब खुद के बेकसूर होने का दावा किया है। आरोपितों का दावा है कि 19 वर्षीय दलित युवती को उसकी ही मां व भाई ने मारा है। सनसनीखेज मामले में अलीगढ जेल में बंद चारों आरोपितों ने एसपी हाथरस को प्रार्थना पत्र लिखकर ये दावा किया है।
इस प्रार्थना पत्र में मुख्य आरोपित संदीप ने कहा है कि पीड़िता के साथ उसकी दोस्ती थी, जिसको लेकर उसके परिवार के लोग खुश नहीं थे। आरोपितों ने कहा है कि पीड़िता को उसके परिवार के लोगों ने मारा है। इसमें उन्हें फंसाया गया है।
मुख्य आरोपित की ओर से एसपी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इस झूठे मामले में अलग-अलग दिनों में गांव के तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। पीड़िता के साथ मेरी दोस्ती थी। मुलाकात के साथ-साथ कभी-कभी फोन पर भी बात होती थी। हमारी दोस्ती उसके घरवालों को पसंद नहीं थी। घटना के दिन मैं उससे खेत में मिला था। लड़की के भाई और मां के कहने पर मैं वापस चला आया और उसके बाद अपने पिता के साथ था।
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आगे आरोपित ने पत्र में कहा है कि गावों वालों से पता चला की युवती के भाई और मां ने उसे मारा-पीटा और उसके गंभीर चोट आई। इस मामले में पीड़िता की मां और भाई ने मुझे और तीन अन्य लोगों को झूठे आरोप में फंसा कर जेल भेजा गया है। कृपया इस मामले में जांच कराकर हमें न्याय दिलाने की कृपा करें।”
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वहीं इस मामले में अलीगढ़ जेल के एसपी आलोक सिंह ने मीडिया से कहा है कि हमें आरोपितों की तरफ से एसपी हाथरस के लिए एक पत्र दिया गया। नियमानुसार पत्र आगे बढ़ाया गया है। अभियुक्त ने पत्र में अपना पक्ष रखा है और संबंधित जांच एजेंसी इस पर गौर करेगी।
उल्लेखनीय है कि 14 सितंबर को ये मामला सामने आया था, जिसके दो सप्ताह बाद पीड़िता की इलाज के दौरान दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। मौत के बाद लोगों में घटना को लेकर आक्रोश था कि तभी तमाम विरोध के बावजूद हाथरस पुलिस ने युवती का शव आधी रात में जलाकर लोगों के गुस्सा को और भड़का दिया।