आरयू ब्यूरो, लखनऊ। टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (टीआरपी) में घोटाला के आरोपों पर सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआइ) ने मंगलवार को एफआइआर दर्ज करते हुए जांच शुरू की। केंद्रीय जांच एजेंसी ने उत्तर प्रदेश सरकार की सिफारिश पर लखनऊ पुलिस से जांच को अपने हाथ मे लिया। कमल शर्मा नाम के शख्स की शिकायत पर लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज केस को सीबीआइ को ट्रांसफर किया गया।
जानकारी के अनुसार ये एफआइआर राज्य सरकार के सूचना विभाग की तरफ से दर्ज कराई गई है। इसमें टीआरपी में घपले की बात है। यही नहीं यूपी गृह विभाग से मिली जानकारी के अनुसार विभाग ने इस संबंध में सीबीआइ से जांच कराने का संस्तुति पत्र भी भेज दिया है।
एफआइआर अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है। आरोपों में कहा गया है कि जाली साधनों के लिए टीआरपी में छेड़छाड़ की गई। कथित स्कैम को इसी महीने मुंबई पुलिस सामने लाई, जिसने पहला केस दर्ज किया। रिपब्लिक टीवी उन चार चैनलों में से एक है जिनके खिलाफ जांच की जा रही। पुलिस ने इस स्कैम के सिलसिले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें कथिततौर पर वे घर भी शामिल हैं जो सैंपल सेट के रूप में काम करते हैं, जिनके टीवी देखने को यह सुनिश्चित करने के लिए मॉनिटर किया जाता था कि कुछ निश्चित चैनलों को अधिक रेटिंग मिले। रेटिंग विज्ञापन प्राप्त करने के लिए अहम कारक है।
यह भी पढ़ें- संदेसरा घोटाला मामले में पूछताछ के लिए फिर अहमद पटेल के घर पहुंची ED
रिपब्लिक टीवी के स्वामित्व वाली कंपनी एआरजी आउटलाइर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड और इसके एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी पिछले सप्ताह बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे और चैनल के खिलाफ मुंबई पुलिस की ओर से दर्ज एफआइआर को रद्द करने की मांग की। चैनल ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से याचिका पर सुनवाई से इनकार के बाद 16 अक्टूबर को हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
बता दें कि टीआरपी या टेलीविज़न रेटिंग किसी चैनल या प्रोग्राम के पॉइंट्स का उपयोग विज्ञापन एजेंसियों द्वारा लोकप्रियता को मापने के लिए किया जाता है जो मूल्य निर्धारण को प्रभावित करते हैं। भारत में ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) द्वारा “बार-ओ-मीटर” नामक देश के 45,000 से अधिक घरों में स्थापित डिवाइस का उपयोग करके डेटा की गणना की जाती है। उपकरण इन घरों के सदस्यों द्वारा देखे गए किसी प्रोग्राम या चैनल के बारे में डेटा एकत्र करता है, जिसके आधार पर साप्ताहिक रेटिंग्स को बार्क द्वारा जारी किया जाता है। हाल ही में, मुंबई पुलिस ने टीआरपी में हेरफेर का मामला दर्ज किया था जिसके बाद रेटिंग्स को बार्क द्वारा निलंबित कर दिया गया था।