आरयू ब्यूरो, लखनऊ। 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती-2019 की चयन सूची में विसंगतियां को लेकर योगी सरकार द्वारा हाई कोर्ट में स्वीकार किए जानें के बाद मंगलवार को कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेन्स का ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा का असली रूप शिक्षक भर्ती में सामने आ गया है। साथ ही लल्लू ने कहा कि यूपी में कोई भी भर्ती योगी सरकार नहीं कर पायी, सभी भर्तियां भ्रष्टाचार और घोटाले की भेंट चढ़ गयीं, जिसके चलते विकास का दावा करने वाली योगी सरकार में युवा हताश और निराश है।
शिक्षक भर्ती 2019 के 31277 अभ्यर्थियों की चयन सूची में विसंगतियों को लेकर योगी सरकार हमला बोलते हुए आज लल्लू ने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही योगी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है। वहीं योगी सरकार द्वारा हाईकोर्ट में दिये गये हलफनामे में चयन सूची में विसंगतियों को स्वीकार किये जाने पर कांग्रेस द्वारा भाजपा पर लगाये जा रहे भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि हो गयी है कि शिक्षक भर्ती में जमकर धांधली की गयी।
जबकि योगी सरकार संस्थागत और संगठित भ्रष्टाचार के माध्यम से नौजवानों, बेरोजगारों व किसानों के साथ लगातार छल कर रही है। इसका सीधा उदाहरण है कि 68.78 प्रतिशत अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिल जाता है और 71.1 प्रतिशत अंक पाने वालों को काउंसिलिंग के लिए अयोग्य करार दिया जाता है और वह न्यायालयों के चक्कर लगाने को अभिशप्त हैं।
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अंक पाने वालों को नियुक्ति पत्र…
अजय कुमार लल्लू ने आगे कहा कि एनआइसी के माध्यम से कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए बुलाना अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थियों के अधिकारों का न सिर्फ खुला उल्लंघन है, इतना ही नहीं कम अंक पाने वालों को नियुक्ति पत्र देना सरासर गलत है। सरकार अपनी मनमानी पर उतारू होकर योग्यता का अपमान कर रही है और भ्रष्टाचार को खुला प्रश्रय देने का काम रही है।
पुलिस की लाठी के दम पर दबाई जा रही आवाज
वहीं अनियमित्ताओं पर आवाज उठाने वाले अभ्यर्थियों पर योगी सरकार ने अपने इसी भ्रष्टाचार को पोषित करने के लिए पुलिस की लाठी के दम पर दबाने का प्रयास किया। जितनी भी योगी सरकार में भर्तियां निकाली गयीं एक भी भर्ती पूरी नहीं हुई और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयीं।
बता दें कि योगी सरकार ने सोमवार को हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में यह स्वीकार किया कि सहायक शिक्षक भर्ती-2019 की चयन सूची में विसंगतियां हैं। सरकार ने कोर्ट से यह भी कहा कि विसंगतियों को लेकर एनआइसी से जवाब मांगा गया है। एनआईसी का जवाब मिलने के बाद जरूरी कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश सरकार की तरफ से यह भी पक्ष रखा गया कि 31277 पदों पर भर्तियों का सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन एसएलपी में पारित आदेश के तहत पुनरावलोकन किया जा सकता है।