आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के मुद्दे को लेकर पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। गुरुवार को अपने एक बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए अखिलेश ने कहा है कि जबरन पूरे देश को अपने ‘मन की बात’ सुनाने वाले किसानों की कोई बात सुनने को तैयार नहीं है।
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा है कि भाजपा राज में जैसा अन्याय देश के किसान के साथ आजाद भारत में कभी नहीं हुआ। लगातार एक पखवाड़े से खुले आसमान के नीचे ठंड में कांपते किसान सरकार से अपनी व्यथाकथा बताने को सड़क पर हैं, लेकिन सरकार है कि उसके कान में जूं ही नहीं रेंग रही है।
हमला जारी रखते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि किसान आंदोलन भारत के इस लोकतांत्रिक मूल्य की पुनः स्थापना का भी आंदोलन है कि सरकार के सभी फैसलों में आम जनता की भागीदारी होनी चाहिए, सरकार की मनमानी नहीं। किसानों को सरकार के जिन फैसलों से दुश्वारी है उनको समाप्त करने की मांग में अनुचित क्या है? सरकार जनता के लिए जनता द्वारा चुनी जाती है। देश की सबसे बड़ी पंचायत में जनमत की अवहेलना लोकतंत्र और संविधान की मूलभावना से ही खिलवाड़ है।
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साथ ही अखिलेश ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार की हठधर्मी के कारण ही भारत में लोकतंत्र को बचाने के लिए देश का हर नागरिक भी आज किसान आंदोलन के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ता जा रहा है। भाजपा हताश है, क्योंकि किसानों के साथ जनता भी जुड़ती जा रही है।
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सपा अध्यक्ष ने अंत में कहा कि यह जगजाहिर है कि भाजपा का एजेण्डा ही लोगों को झांसा देना है। सत्ता में आने के लिए उसने किसानों को कर्ज माफी, फसल की लागत का ड्योढ़ा दाम देने और साल 2022 तक आय दुगनी करने का राग अलापा पर किया क्या? भाजपा का जनहित के कामों में उसकी रूचि नहीं। सच्चाई से उसका दूर-दूर तक रिश्ता नहीं है। वह तो कल्पना लोक में महल बनाती है और सपने दिखाकर लूटने का काम करती है।