‘मन की बात’ में बोले PM मोदी, आत्मनिर्भर भारत का आधार है देश का कृषि क्षेत्र व हमारे किसान

मन की बात
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। हमारे यहां कहा जाता है, जो जमीन से जितना जुड़ा होता है, वो बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता है। कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है। “संकट के इस काल में भी हमारे देश के कृषि क्षेत्र ने फिर अपना दमखम दिखाया है। देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार है। ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी।”

उक्‍त बातें रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के माध्‍यम से देश को संबोधित कर कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है, अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है। उन्‍होंने कहा कि हरियाणा के एक किसान भाई में मुझे बताया कि कैसे एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में दिक्कत आती थी, लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को एमपीएमसी ऐक्‍ट से बाहर कर दिया गया, इसका उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ।

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इस दौरान मोदी ने कहा कि तीन से चार साल पहले ही महाराष्ट्र में फल और सब्जियों को एमपीएमसी के दायरे से बाहर किया गया था। इस बदलाव ने महाराष्ट्र के फल और सब्जी उगाने वाले किसानों की स्थिति बदली है। इन किसानों के अपने फल – सब्जियों को कहीं पर भी, किसी को भी बेचने की ताकत है और ये ताकत ही उनकी इस प्रगति का आधार है।

पीएम ने आगे कहा कि आज, गांव के किसान स्विट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती से, ढ़ाई से तीन लाख प्रति एकड़ सालाना कमाई कर रहे हैं। पुणे और मुंबई में किसान साप्ताहिक बाजार खुद चला रहे हैं। इन बाजारों में, लगभग 70 गांवों के, साढ़े चार हजार किसानों का उत्पाद, सीधे बेचा जाता है, कोई बिचौलिया नहीं।”

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