आरयू ब्यूरो, लखनऊ। भाजपा लोकतंत्र का गला घोंट रही। संविधान द्वारा मिले अधिकारों पर हमला हो रहा। भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी आयी थी जो कारोबार कर रही थी। वह कब सरकार बन गयी किसी को पता ही नहीं चला। ब्रितानिया हुकूमत ने एक कानून पास किया और कंपनी सरकार का काम करने लगी। लोकतंत्र में यदि सरकार कंपनी बन जाये तो आम जनता के अधिकारों का क्या होगा?
उक्त बातें शनिवार को यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा की पुण्यतिथि के मौके पर बाराबंकी में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कही। अखिलेश ने कृषि कानूनों पर सवाल उठाते हुए आगे कहा कि प्राइवेट हाथों में संचालन होने पर आरक्षण और संविधान प्रदत्त अधिकार समाप्त हो जायेंगे। भाजपा सरकार ने तीन कृषि कानून बनाकर जमीन के मालिकाना हक को उद्योगपतियों के हाथों गिरवी रख दिया है। तीनों कानून जमीन पर आ जाने से किसानों को उनका मुनाफा नहीं मिल पायेगा। पूरा लाभ बड़ी कंपनियों का हो जायेगा। सपा अन्नदाता के हितों के खिलाफ लाये गये तीन कृषि कानूनों को वापस कराने के पक्ष में है और किसानों के साथ इस कानून का विरोध कर रही है।
इस मौके पर अखिलेश ने बेनी प्रसाद वर्मा की समाधिस्थल श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ ही बाराबंकी के पल्हरी स्थित मोहन लाल वर्मा, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में बेनी प्रसाद वर्मा की प्रतिमा का अनावरण किया।
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सपा अध्यक्ष ने कहा बेनी प्रसाद वर्मा का उत्तर प्रदेश में बड़ा कद है। उनके साथ समाजवादियों की कई सरकारें बनी है। भाजपा राज में रोजी-रोटी का अकाल है। किसान, गरीब, महिलाएं सब अपमानित हो रही है। इस जनविरोधी भाजपा सरकार को साल 2022 में सत्ता से बेदखल करने का संकल्प लेकर ही हम बेनी प्रसाद वर्मा ‘बाबू जी‘ को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकेंगे।
बीजेपी पर हमला जारी रखते हुए अखिलेश ने कहा कि भाजपा की दोषपूर्ण नीतियों से किसानों-नौजवानों का भविष्य संकटग्रस्त है। किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। किसानों ने ही देश को महामारी से बचाया है। अन्नदाता ने मेहनत न की होती तो देशवासियों को भूखों रहना पड़ता। भाजपा की राय किसानों के प्रति सम्मानजनक नहीं है। भाजपा के नेता किसानों को बाहरी और आतंकवादी कह रहे है।
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इस मौके पर बेनी प्रसाद वर्मा के परिवार के सदस्याओं के अलावा सपा के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय, इन्द्रजीत सरोज, राजेंद्र चौधरी, नरेश उत्तम पटेल, रवि प्रकाश वर्मा, राम प्रसाद चौधरी, विनोद कुमार सिंह उर्फ पण्डित सिंह, फरीद महमूद किदवई, योगेश प्रताप सिंह, राममूर्ति वर्मा, पवन पाण्डेय, लीलावती कुशवाहा,संतोष यादव सनी, संग्राम यादव, हीरालाल यादव, गौरव रावत, जूही सिंह, कांति सिंह, एसपी सिंह, सैय्यद अब्बास अली जैदी, रूश्दी मियां, चौधरी अदनान सहित अन्य प्रमुख लोग मौजूद रहे।