न्आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के जिला जेल में शुक्रवार को फिल्मी स्टाइल में जमकर गोलियां चलीं। गैंगस्टर अंशु दीक्षित ने बहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के वाराणसी निवासी करीब मेराज खां ऊर्फ भाई मेराज व पश्चिम यूपी के खूंखार बदमाश मुकीम काला की हत्या कर दी।
जेल में हुए इस बेहद सनसनीखेज डबल मर्डर के बाद पुलिस ने घेराबंदी करते हुए दोहरे हत्याकांड के आरोपित अंशु दीक्षित को एनकाउंटर में मार गिराया। बताया जा रहा है कि मुकीम व मेराज को कुछ समय पहले ही विभिन्न जेलों से लाकर चित्रकूट जेल में रखा गया था। जेल में हुए दोहरे हत्याकांड व एनकांउटर के बाद चित्रकूट से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया है। साथ ही लोग इस घटना के अलावा जेल की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर सवाल उठा रहें हैं।
मिल रही जानकारी के अनुसार हाल में सुल्तानपुर जेल से चित्रकूट जेल में शिफ्ट होने वाले पूर्वांचल के गैंगस्टर अंशु दीक्षित ने आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े बदमाश मुकीम काला और मेराज पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। जिसमें दोनों की मौके पर ही मौत हो गयी। जेल में फायरिंग की सूचना पर भारी पुलिस ने जेल को छावनी बना दिया और पुलिस पर फायरिंग करने के प्रयास में अंशु दीक्षित मुठभेड़ में मारा गया।
सुल्तानपुर जेल में बंद अंशु दीक्षित तो सीतापुर का निवासी था। मुकीम के साथ मारा गया मेराज वाराणसी के जैतपुरा थाना क्षेत्र स्थित अशोक विहार कॉलोनी का निवासी था। मुकीम काला को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय माना जाता था।
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डीजी जेल कार्यालय की ओर से मीडिया को दी गयी जानकारी के अनुसार जिला जेल चित्रकूट की उच्च सुरक्षा बैरक में निरुद्ध अंशु दीक्षित जिला जेल सुल्तानपुर से प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित होकर चित्रकूट में निरूद्ध है ने आज सुबह लगभग दस बजे सहारनपुर से प्रशासनिक आधार पर आए बंदी मुकीम काला तथा बनारस जिला जेल से प्रशासनिक आधार पर आए मेराज की गोली मारकर हत्या कर दी और अन्य पांच बंदियों को अपने कब्जे में कर उन्हें जान से मारने की धमकी देने लगा।
उसके पास असलहा था ऐसे में जिला प्रशासन को सूचना दी गई चित्रकूट के डीएम और एसपी ने पहुंचकर बंदी को नियंत्रित करने का बहुत प्रयास किया गया किंतु वह पांच अन्य बंदियों को भी मार देने की धमकी देता रहा। इसके बाद उसकी आक्रामकता तथा जिद को देखते हुए पुलिस ने कोई विकल्प ना देख फायरिंग की, जिसमें अंशु दीक्षित भी मारा गया। चित्रकूट जिला जेल में इस प्रकार कुल तीन बंदी मारे गए हैं।
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मेराज 20 मार्च 2021 को जिला जेल बनारस से प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित करके चित्रकूट जेल लाया गया था। दूसरा मृत बंदी मुकीम काला सात मई 2021 को जिला जेल सहारनपुर से प्रशासनिक आधार पर चित्रकूट जेल लाया गया था। अंशु दीक्षित ने शुक्रवार को जिस असलहे से पुलिस के साथ मुकीम काला व मेराज अली पर फायरिंग की थी, उसकी जिला कारागार में तलाशी कराई जा रही।
अंशु दीक्षित की गोली से मारा गया मेराज बांदा जेल में बंद बसपा के विधायक मुख्तार अंसारी का करीबी था। बागपत जिला जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद मेराज पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुख्तार का काम देखता था। इसमें मुकीम काला भी उसकी मदद करता था। मुकीम काला पश्चिमी उत्तर प्रदेश का इनामी गैंगस्टर था।
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बताते चलें कि आज घटना से पहले बागपत जिला जेल में सुनील राठी ने नाइन एमएम की पिस्टल से मुन्ना बजरंगी की हत्या की थी। मुन्ना बजरंगी भी पेशी पर उन दिनों बागपत गया था, जबकि सुनील राठी को उत्तराखंड की जेल से बागपत जेल में शिफ्ट किया था। राठी इन दिनों फर्रुखाबाद की फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद है।
बदमाशों का संक्षिप्त इतिहास-
अंशु दीक्षित- पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी का खास व शार्प शूटर था। सीतापुर का रहने वाला था। उसने 27 अक्टूबर 2014 को मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश एसटीएफ पर भी गोलियं चलाई थीं। इसके बाद दिसम्बर 2014 में इसे पकड़ा गया था।
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अंशु सुल्तानपुर जेल में बंद था, लेकिन चित्रकूट जेल में सुरक्षा-व्यवस्था आधुनिक होने से करीब दो वर्ष पहले यहां भेजा गया था। अंशु दीक्षित आठ दिसंबर 2019 को यहां भेजा गया था।
भाई मेराज- मेराजुद्दीन उर्फ भाई मेराज वाराणसी का रहने वाला था। पहले मुन्ना बजरंगी का खास था, फिर मुख्तार अंसारी से जुड़ा। इसकी अंशु दीक्षित से तनातनी रहती थी। संभव है उसी खुन्नस में अंशु ने इसे मारा हो। माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी मेराज खान 21 मार्च को बनारस जेल से शिफ्ट किया गया था। मऊ सदर विधायक मुख्तार अंसारी के सहयोगी मेराज खान पर फर्जी तरीके से पिस्टल के लाइसेंस का नवीनीकरण कराने के आरोप में पांच सितंबर 2020 को जैतपुरा थाना प्रभारी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ था। तीन अक्टूबर 2020 को आरोपित मेराज ने जैतपुरा थाना क्षेत्र के सरैया चौकी में आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद से जिला कारागार बनारस में निरुद्ध था। मेराज अहमद को जिला कारागार से चित्रकूट भेजा गया था। अशोक विहार कॉलोनी फेज-1 में उसका आवास है।
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मुकीम काला- मुकीम काला पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दुर्दांत अपराधी व एसटीएफ के हाथों में मुठभेड़ में मारे जा चुके वसीम काला का भाई था। इसका गैंग पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ पंजाब व हरियाणा तक इसका वारदातें करता था। सहारनपुर में वर्ष 2015 में तनिष्क ज्वैलरी शोरूम में डकैती कांड को अंजाम दिया था। दोनों भाई पुलिस से नहीं डरते थे, यह तो एसटीएफ से सीधा मोर्चा खोल देते थे। इनके खिलाफ लूट, हत्या व मुठभेड़ के मुकदमे दर्ज हैं।