आरयू वेब टीम। देशभर में आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयंती मनाई जा रही है। वहीं केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में भी गांधी जयंती को बेहद खास ढंग से मनाया गया। बापू की जयंती के मौके पर शनिवार लेह में हाथ से बना सबसे बड़ा तिरंगा झंडा फहराया गया। इसको लेह में जांस्कर घाटी में लगाया गया है।
इस झंडे का वजन 1000 किलोग्राम है। इसकी लंबाई 225 फीट और चौड़ाई 125 फीट है। खादी से बना ये तिरंगा मुंबई की एक प्रिंटिंग कंपनी के सहयोग से तैयार किया गया है। सबसे बड़े तिरंगे के अनावरण और गांधी जयंती के कार्यक्रम के मौके पर आर्मी चीफ एमएम नरवणे और लद्दाख के उप राज्यपाल मौजूद रहे। ये तिरंगा आठ अक्टूबर को एयरफोर्स डे के मौके पर हिंडन में भी लगाया जाएगा।
गौरतलब है कि जांस्कर कारगिल जिले की एक तहसील है जो कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में मौजूद है और कारगिल से 250 किलोमीटर दूर एनएच 301 पर है। ये घाटी लद्दाख से करीब 105 किलोमीटर दूर है। वहीं जांस्कर रेंज लद्दाख की एक पर्वत श्रृंखला है।
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बता दें कि भूवैज्ञानिक रूप से जांस्कर रेंज टेथिस हिमालय का हिस्सा है। जांस्कर रेंज की औसत ऊंचाई लगभग 6,000 मीटर (19,700 फीट) है। इसका पूर्वी भाग रूपशु के नाम से जाना जाता है। जांस्कर को एक जिले में बदलने की मांग की जा रही है। जांये भारत की उन खूबसूरत जगहों में से एक है, जिसका सौंदर्य देखते ही बनता है। जांस्कर घाटी में बर्फ से ढके पहाड़ों और स्वच्छ नदियों से सजी हुई है। इस घाटी को जहर या जंगस्कर जैसे स्थानीय नामों से भी जाना जाता है। सातवीं शताब्दी में जब लद्दाख में बौद्ध धर्म की शुरुआत हुई थी, तब जांस्कार घाटी पर भी इसका प्रभाव पड़ा।