आरयू ब्यूरो, लखनऊ। शिक्षामित्रों व बेरोजगारी समेत अन्य मुद्दों को लेकर शनिवार को राष्ट्रीय लोकदल ने एक बार फिर योगी सरकार पर हमला बोला है। रालोद के प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि वर्तमान सरकार प्रमुख रूप से बेरोजगार युवकों को सरकारी नौकरी देने के नाम पर जोर शोर से 2017 में सत्ता में आयी थी, लेकिन सम्पूर्ण कार्यकाल में बेरोजगारी दूर करने के बजाए बेरोजारी बढ़ाई गयी। यूपी में भाजपा सरकार के सत्ता में आते ही लाखों शिक्षामित्र बेरोजगार हो गए, मगर योगी सरकार ने शिक्षामित्रों और छात्रों के हितों को ध्यान में रखकर सर्वोच्च न्यायालय में पुर्नविचार याचिका तक दाखिल नहीं की।
आज पत्रकारों से बातचीत के दौरान योगी सरकार पर हमला जारी रखते हुए रालोद प्रवक्ता ने कहा कि ठीक इसी तरह कोरोना काल में हजारों फैक्ट्रियां बंद हुई लाखों मजदूर बेरोजगार हुए, लेकिन सरकार ने उन मजदूरों को घरों तक पहुंचाने की भी व्यवस्था नहीं की जो सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। रालोद नेता ने तंज कसते हुए कहा कि आज चुनाव को ध्यान में रखकर अचानक दो गुना राशन मुफ्त बांटने का नाटक करके सरकार यह बताने की कोशिश कर रही है कि अब गरीबों की खुराक दोगुनी हो गयी है।
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सुरेंद्रनाथ त्रिवेदी ने आगे कहा कि सरकार अपनी अकर्मण्यता छिपाने के लिए कभी सड़कों पर गडढें भरने का ऐलान करती हैं तो कभी 24 घण्टें बिजली देने की बात करती है, जबकि यह दोनो ही बाते सरकार गठन से लेकर अब तक पूरी नहीं हो सकी हैं। शिक्षा व्यवस्था के नाम पर सरकार पूरी तरह विफल है किसी भी सत्र में प्रदेश के नौनिहालों को समय से न तो पाठ्य सामग्री वितरित की गयी और न ही उनकी ड्रेस और जूते मोजे का ध्यान रखा गया।
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इतना ही नहीं कोरोना महामारी में प्रदेश में चारों तरफ त्राहि-त्राहि होती रही दवा और ऑक्सीजन तो दूर की बात है अस्पतालों में मरीजों को भर्ती तक नहीं किया जा सका और सरकार यही कहती रही कि मोदी जी और योगी जी कोरोना से लड़ाई लड़ रहे हैं। लाखों लाशे गंगा के किनारे तलहटी में दफना दी गयी और उनका दाह संस्कार भी ढंग से नहीं हो सका। इस प्रकार की अव्यवस्थाएं देने वाली सरकार के लोग यह चाहते हैं कि प्रदेश की जनता उन्हें दोबारा सत्तासीन करे और खुद दुख भोगने के लिए तैयार रहे।
सच्चाई तो ये कि प्रदेश की जनता ने सरकार का रिपार्ट कार्ड बना लिया है और परिवर्तन निश्चित है। वर्ष 2022 में गठित होने वाली सरकार जनता की सरकार होगी, जिसमें किसानों मजदूरों, मजलूमों और कामगारों के साथ साथ बेरोजगारों की समस्याओं का निदान किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह की भावना के अनुरूप होगा।