उत्तराखंड को 18 हजार करोड़ की सौगात देकर विपक्ष पर बरसे PM मोदी, “सोची-समझी रणनीति के तहत जनता को गया कुचला”

आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जनसभा के जरिये उत्तराखंड में 2022 के विधानसभा चुनाव का आगाज किया। इसके साथ ही उन्होंने 18 हजार करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर प्रदेश को सौगात दी। इसमें लगभग 8300 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा शामिल है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि देश में कनेक्टिविटी ‘महायज्ञ’ चल रहा है ताकि पूर्ववर्ती सरकार के दस वर्षों के शासन के दौरान, जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई की जा सके।

पीएम ने कहा पिछली सरकारों ने उत्तराखंड का समय बर्बाद किया। ऐसा कोई संकल्प नहीं जो ये देवभूमि सिद्ध नहीं कर सकती। डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड में विकास की गंगा बहा रही है। जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों द्वारा समाज में भेद करके सिर्फ एक तबके को, चाहे वो अपनी जाति का हो, किसी खास धर्म का हो या अपने छोटे से इलाके के दायरे का हो, इसी पर ध्यान देना यही प्रयास हुए हैं और उसमें ही उनको अपना वोट बैंक नजर आता है।

साथ ही कहा कि देश के सामान्य मानवी का स्वाभिमान, उसका गौरव सोची-समझी रणनीति के तहत कुचल दिया गया, उसे आश्रित बना दिया गया, लेकिन इस अप्रोच से हमने अलग रास्ता चुना है। हमारा मार्ग है, सबका साथ-सबका विकास। उत्तराखंड होम स्टे के मामले में पूरे देश को एक दिशा दिखा सकता है। इसी तरह के परिवर्तन से देश आगे बढ़ेगा।

मोदी ने कहा कि बीते पांच वर्षों में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के लिए एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा लागत से की परियोजनाएं स्वीकृत की। यहां की सरकार इन्हें तेजी से जमीन पर उतार रही है। इसी को आगे बढ़ाते हुए आज 18000 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया जा रहा है। ये परियोजनाएं इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने में एक अहम भूमिका निभाएंगी। जो लोग पूछते हैं कि डबल इंजन की सरकार का फायदा क्या है वे लोग आज देख सकते हैं कि डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड में कैसे विकास की गंगा बहा रही है।

साथ ही कहा कि वन रैंक वन पेंशन हो, आधुनिक अस्त्र-शस्त्र हो, आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देना हो, जैसे उन लोगों ने हर स्तर पर सेना को हतोत्साहित करने की कसम खा रखी थी। आज जो सरकार है वो दुनिया के किसी देश के दबाव में नहीं आ सकती। हम राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम के मंत्र पर चलने वाले लोग हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि इस शताब्दी की शुरुआत में, अटल जी ने भारत में कनेक्टिविटी बढ़ाने का अभियान शुरू किया था, लेकिन उनके बाद दस साल तक देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर घोटाले हुए, घपले हुए। इससे देश का जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई के लिए हमने दोगुनी गति से मेहनत की और आज भी कर रहे हैं।

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आज भारत आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर सौ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश के इरादे से आगे बढ़ रहा है। आज मुझे बहुत खुशी है कि दिल्ली-देहरादून इकॉनॉमिक कॉरिडोर का शिलान्यास हो चुका है। जब ये बनकर तैयार हो जाएगा तो, दिल्ली से देहरादून आने-जाने में जो समय लगता है, वो करीब-करीब आधा हो जाएगा।

कविता की पंक्तियों से खत्म किया अपना संबोधन

अपने संबोधन को खत्म करते हुए पीएम मोदी ने ये पंक्तियां कहीं- जहां पवन बहे संकल्प लिए, जहां पर्वत गर्व सिखाते हैं, जहां ऊंचे-नीचे सब रस्ते, बस भक्ति के सुर में गाते हैं, उस देवभूमि के ध्यान से ही, उस देव भूमि के ध्यान से ही, मैं सदा धन्य हो जाता हूं, है भाग्य मेरा, सौभाग्य मेरा, मैं तुमको शीश नवाता हूं।

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