आरयू वेब टीम।
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर महागठबंधन पर आशंकाओं का दौर शुरु हो गया है। जदयू और राजद के प्रमुख नेता इस मुद्दे को लेकर एक-दूसरे पर लगातार तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, जिसे देखते हुए महागठबंधन में दरार पड़ने की उम्मीद बढ़ती जा रही है।
इसी बीच जहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीएम नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से फोन पर बातचीत की है। तो वही दूसरी ओर भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी ही पार्टी की ओर इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि फूट डालना कुछ लोगों की चाल हो सकती है।
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गौरतलब है कि जदयू की ओर से बीते दिनों तेजस्वी यादव को जनता के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है। वही इस्तीफे पर जदयू और राजद के नेता लगातार एक-दूसरे पर तीखी बयानबाजी की खबरे मीडिया में आ रही है।
इस पूरे मामले में जदयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा है कि पार्टी सत्ता के लिए भूखी नहीं है और नीतीश कुमार की छवि को लेकर पार्टी गंभीर है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राजद के जो नेता यह दावा कर रहे हैं कि उनके पास 80 विधायक हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि नीतीश कुमार महागठबंधन के नेता हैं।
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तेजस्वी यादव के इस्तीफे के मुद्दे पर जदयू गंभीर है और आने वाले समय में वह सरकार में शामिल रहने के अपने फैसले को लेकर कठोर निर्णय ले सकती है। अजय आलोक ने कहा कि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने रवैये से पीछे नहीं हटेंगे।
इस बीच महागबंधन की रार को कम करने के लिए सोनिया गांधी ने दोनो पार्टी के नेताओं से फोन पर बात की है। मीडिया रिपोर्ट की माने सोनिया गांधी के बात करने के बाद लालू यादव के स्वभाव में नर्मी आ गई है।
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वही दूसरी ओर लंबे समय से भाजपा से नाराज चल रहे भाजपा सांसद शत्रुघंन सिन्हा भी लालू और नीतीश कुमार की एकता के फेवर बोलते हुए इसे राजनीतिक रणनीति करार दिया है। हाल ही में मीडिया में शत्रुघंन सिन्हा की राजद सुप्रीमो लालू यादव व नीतीश कुमार से बढ़ती नजदीकियों की खबरें भी आ चुकी है। समझा जा रहा है कि इन परिस्थितियों के बीच अपने ही सांसद के रूख से आने वाले समय में भाजपा के सामने मुश्किलें आ सकती है।