बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने तोड़ा भाजपा से गठबंधन

आरयू वेब टीम। लम्बे समय से चल रही खींचतान के बाद मंगलवार को आखिरकार बाजार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया है। जेडीयू विधायकों और सांसदों की मीटिंग में भाजपा से गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक शाम चार बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलेंगे। माना जा रहा है वे एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे।

इसके बाद नई सरकार का गठन हो सकता है। नई सरकार में नीतीश कुमार को कांग्रेस और राजद का समर्थन हासिल होगा। खबर के मुताबिक तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बन सकते हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव के हिसाब से देखें तो यह भाजपा के लिए बड़ा झटका है। भाजपा के हाथों से एक बड़ा राज्य निकल गया, जहां लोकसभा की 40 सीटें हैं। बिहार में सत्ता परिवर्तन का असर लोकसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है। खबर तो यह भी मिल रही है कि नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं।

बैठक के बाद सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कहा है कि बिहार में भाजपा हमारी पार्टी को कमजोर कर रही थी। उन्होंने पार्टी के विधायकों और सांसदों से यह भी कहा है कि भाजपा की ओर से लगातार हमें अपमानित किया गया है। इस बैठक में पैसों के लेनदेन का मुद्दा भी उठा है। हालांकि, भाजपा नेता और बिहार सरकार में मंत्री शाहनवाज हुसैन ने साफ तौर पर कहा है कि हम किसी को कमजोर नहीं करते। हम सिर्फ अपनी पार्टी को मजबूत करते हैं।

वहीं सभी सांसदों-विधायकों की तरफ से नीतीश द्वारा लिए गए हर फैसले पर अपनी रजामंदी की बात कही है। इसके साथ ही कहा जा रहा है कि अंदर ये ऐलान कर दिया गया कि भारतीय जनता पार्टी के साथ जेडीयू का गठबंधन अब नहीं रहेगा। नीतीश कुमार ने शाम चार बजे राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है। नीतीश शाम चार बजे राज्यपाल फागू सिंह चौहान से मुलाकात करने जा रहे हैं। इसके साथ ही वो इस्तीफा भी देंगे और नई सरकार बनाने का दावा भी पेश करेंगे।

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वहीं सूत्रों के मुताबिक जो डील हुई है उसमें यह कहा गया है कि आठ से दस महीने तक नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री रहेंगे। इसके बाद वे 2024 की तैयारियों में जुट जाएंगे। विपक्ष की ओर से उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए आगे किया जा सकता है। यह पहला मौका नहीं है जब नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है। 2014 के चुनाव से पहले भी उनके नाम की खूब चर्चा थी, हालांकि यह दूसरा मौका है जब नीतीश कुमार ने भाजपा से गठबंधन तोड़ा है। इससे पहले जब भाजपा की ओर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के आगे किया गया था, उस समय पर नीतीश कुमार भगवा पार्टी से गठबंधन तोड़ लिया था।

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