आरयू वेब टीम। कुछ समय पहले ही सड़क परिवहन मंत्रालय ने नेशनल हाइवेज पर टोल की वसूली फास्टैग के जरिए अनिवार्य बनाने की डेडलाइन 15 फरवरी तक बढ़ाई थी। वो मियाद खत्म हो रही है और 15-16 फरवरी की आधी रात से फास्टैग को अनिवार्य किया जाएगा। अगर कोई वाहन बिना फास्टैग के किसी टोल प्लाजा से गुजरता है तो ऐसी स्थिति में उसे निर्धारित से दोगुना भुगतान करना पड़ेगा। हालांकि दोपहिया वाहनों को इससे छूट दी गई है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि यह व्यवस्था टोल प्लाजाओं पर शुल्क भुगतान की प्रक्रिया को डिजिटल बनाने, प्रतीक्षा समय को घटाने, ईंधन की बचत करने और यात्रियों को टोल प्लाजाओं से आसानी से निकलने की सुविधा के लिए की गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम-2008 के अनुसार यदि कोई वाहन बिना फास्टैग के किसी टोल प्लाजा से गुजरता है तो ऐसी स्थिति में उसे निर्धारित से दोगुना भुगतान करना पड़ेगा।
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बता दें कि मंत्रालय एम और एन श्रेणी के वाहनों में इस वर्ष पहली जनवरी से फास्टैग अनिवार्य कर चुका है। एम श्रेणी में यात्री वाहनों को रखा गया है जबकि एन श्रेणी में मालढुलाई वाले वाहन आते हैं, ऐसे वाहनों में कुछ व्यक्ति भी रह सकते हैं। दरअसल केंद्र सरकार ने टोल प्लाजा पर टोल कलेक्शन को आसान और सुरक्षित बनाने के साथ ही टोल पर लगने वाले लंबे जाम से निजात पाने के लिए फास्टैग को अनिवार्य करने का ये कदम उठाया है।
फास्टैग एक तरह का टैग या स्टिकर होता है। यह वाहन की विंडस्क्रीन पर लगा हुआ होता है। फास्टैग रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन या आरएफआईडी तकनीक पर काम करता है। इस तकनीक के द्वारा टोल प्लाजा पर लगे कैमरे स्टिकर के बार-कोड को स्कैन कर लेते हैं और टोल फीस अपने आप फास्टैग के वॉलेट से कट जाती है।