आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल के सरकारी घर पर हुई छापेमारी को लेकर देशभर में आप कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है। वहीं लखनऊ के हजरतगंज स्थित जीपीओ पर प्रदर्शन करने जा रहे आप नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने कमिश्नर कार्यालय के पास रोककर उनपर लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज में आप के दर्जनों कार्यकर्ता घायल हुए हैं। घायलों में महिलाएं भी शामिल हैं। आप के नेताओं ने कहा गिरफ्तारी की जगह पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज किया है, इस दौरान पुरूष पुलिसकर्मियों ने महिलाओं को भी नहीं बख्शा।
बताया जा रहा है कि यूपी के सभी जिलों और प्रकोष्ठों के अध्यक्षों की आज लखनऊ में मीटिंग बुलाई गयी थी। इसी बीच अरविंद केजरीवाल के आवास पर दिल्ली पुलिस की छापेमारी की जानकारी लगते ही आप के नेता और कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए। मीडिया को साढ़े चार बजे जीपीओ पर प्रदर्शन करने की जानकारी देने के साथ ही आप के लोग प्रदर्शन करने जा रहे थे।
आप के लखनऊ जिलाध्यक्ष वैभव महेश्वरी ने बताया कि चार बजे बैठक समाप्त करने के बाद कार्यकर्ता जीपीओ की तरफ जाने लगे तभी रास्ते में आयुक्त कार्यालय के पास भारी पुलिस बल ने उन लोगों को रोक दिया। इस पर पूर्वांचल जोन के अध्यक्ष संजीव सिंह ने पुलिस से कहा कि आप हमारी गिरफ्तारी कर सकते हैं। आरोप है कि गिरफ्तारी की बात कहने के बाद भी पुलिस कर्मियों ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। पुलिस ने आप की महिला सदस्यों को भी नहीं बख्शा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने भी जमकर मोदी और योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
‘सत्ता के नशे में अंधी हो गई योगी सरकार’
लाठीचार्ज के बाद संजीव सिंह ने रोष जताते हुए मीडिया से कहा कि योगी सरकार सत्ता के नशे में अंधी हो गई है। साथ ही सवाल उठाते हुए बोले कि निहत्थे और शांतिपूर्ण तरीके से जीपीओ की ओर जा रहे कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज का क्या अर्थ है, क्या इस देश में संविधान नाम की कोई चीज बची है या सिर्फ तानाशाही चलेगी? बिना मजिस्ट्रेट और महिला पुलिस के पुरुष पुलिस वालों ने किस तरह से महिलाओं पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी आखिर इस प्रदेश में चल क्या रहा है।
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‘नहीं भूलना चाहिए आजादी का आंदोलन’
वहीं प्रदेश प्रवक्ता वैभव महेश्वरी ने कहा अगर सरकार यह सोचती है की लाठी डंडे और गोलियों से वह लोगों का मुंह बंद कर देंगे तो उन्हें आजादी का आंदोलन नहीं भूलना चाहिए जिसमें हजारों लोगों ने अपनी जान तक दे दी, लेकिन लड़ाई आजादी पाकर ही खत्म हुई। उन्होंने कहा कि दो थप्पड़ के आरोप पर जनता द्वारा चुने गए सीएम के घर पुलिस ऐसी कार्रवाई कर रही है, जबकि भाजपा में हत्या समेत तमाम संगीन मामलों शामिल लोगों के यहां जाने की उसे फुर्सत नहीं है। आप लाठीचार्ज के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेगी।
लाठीचार्ज में ये लोग हुए घायल
रमन सिंह, बालगोविंद वर्मा, जुबैर, सोमेंद्र ढाका, छवि यादव, असद अब्बास, प्रोनित छाबड़ा, मनीष कुमार राय, संजीव सिंह, कुलदीप जयसवाल, जाबिर अली, रामनिवास पासवान, राहुल सेठ, शैलेंद्र जयसवाल व देवकांत।