आरयू ब्यूरो, लखनऊ। जहां एक ओर कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर योगी सरकार तैयारियों में लगी होने की बात कह रही है। वहीं आज एक बार फिर आम आदमी पार्टी ने योगी सरकार पर मशीनों की खरीदारी में भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है। यूपी आप के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के नाम पर प्रदेश भर में बन रहे विशेष वार्डों के लिए चिकित्सकीय उपकरणों की खरीद में जमकर कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार किया गया है। आप सांसद के अनुसार भ्रष्टाचार कितने बड़े पैमाने पर किया गया है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चार लाख रुपए वाली मशीन को 56 लाख रुपए में खरीदा गया है।
गोमतीनगर स्थित आप के प्रदेश कार्यालय पर बुधवार को आयोजित एक प्रेसवार्ता में संजय सिंह ने कहा कि मशीनों की रेट लिस्ट दिखाते हुए जो वेंटिलेटर प्रमुख सचिव 17 लाख रुपए में खरीदने का आदेश दे रहे हैं, वही वेंटिलेटर केजीएमयू दस लाख 23 हजार 200 रुपए में खरीद रहा है।
मीडिया से बात करते हुए संजय सिंह ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के नाम पर योगी की सरकार, उनके मंत्री सुरेश खन्ना और प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी के साथ मिलकर किस प्रकार से बच्चों के वेंटिलेटर से लेकर तमाम उपकरणों की खरीद में घोटाला और भ्रष्टाचार किया है, इसकी जानकारी मैंने आपके साथ साझा की थी। सुबूतों के साथ बताया था कि किस तरह दो से तीन गुना दाम पर बच्चों के नाम पर चिकित्सकीय उपकरण खरीदे गए।
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आप सांसद ने आगे कहा कि मैंने सोचा था खुलासा होने के बाद सुरेश खन्ना अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे, लेकिन वह भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए बयान दे रहे हैं। इससे पता चलता है कि भ्रष्टाचार का हिस्सा अधिकारियों से लेकर मंत्री और योगी सरकार के बड़े-बड़े लोगों तक पहुंच रहा है, इसीलिए झूठे बयान देकर मंत्री लगातार इस भ्रष्टाचार का बचाव कर रहे हैं।
वहीं संजय सिंह ने प्रमुख सचिव आलोक कुमार के उस ट्वीट का जिक्र किया जिसमें उन्होंने संतरे और सेब की तुलना करने का आरोप लगाया था। संजय सिंह ने रेट लिस्ट दिखाकर प्रमुख सचिव आलोक कुमार और मंत्री सुरेश खन्ना को बताया कि योगी सरकार ने मेडिकल कॉलेज के लिए ऑटोमेटिक टिशु प्रोसेसर 56 लाख 40 हजार 400 रुपये में खरीदा, जबकि बाजार में उसकी कीमत चार लाख 19 हजार रुपये है।
इसके अलावा आपा सांसद ने आज यह भी दावा किया कि सहारनपुर में हीमोडॉयलसिस मशीन 13 लाख 92 हजार में खरीदी गयी, जबकि बाजार में इसकी कीमत पांच लाख है, हर्मोनल एनालाइजर 48 लाख 97 हजार रुपये में खरीदा, जबकि बाजार में उसी ब्रांड के हर्मोनल एनालाइजर की कीमत दस लाख 50 हजार है।
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संजय सिंह ने आगे कहा कि इतना ही नही योगी सरकार ने जो नियोनेटल वेंटिलेटर खरीदने के लिए 22 लाख रूपये दिए, वहीं दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 12 लाख रूपये में खरीदा है। एचएनएफसी दिल्ली में 69 हजार में खरीदा गया तो यूपी में इसकी खरीद 273000 में हुई। दिल्ली में पेशेंट मॉनिटर 63 हजार में खरीदा गया तो यूपी में योगी सरकार ने इसकी खरीद 95 हजार में की।
इस दौरान सवाल करते हुए संजय सिंह ने कहा कि कोरोना की पहली लहर में ऑक्सीमीटर और पीपी कीट खरीद में घोटाला, दूसरी लहर में चिता की लकड़ियों में दलाली और अब तीसरी लहर की तैयारी के नाम पर हजारों करोड़ का भ्रष्टाचार करने की तैयारी, भला कब तक बीजेपी के राज में दलाली खाने का काम चलता रहेगा। प्रेसवार्ता में प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह, आप के मुख्य प्रदेश प्रवक्त वैभव माहेश्वरी मौजूद रहे।