कोरोना पर श्‍वेत पत्र जारी कर राहुल ने मोदी सरकार को तीसरी लहर की तैयारियों के लिए किया आगाह, “बोले, इन गलतियों को ठीक करना ही होगा”

कोरोना पर श्‍वेत पत्र

आरयू वेब टीम। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना पर श्वेत पत्र जारी कर मोदी सरकार को तीसरी लहर के लिए आगाह करते हुए पूरी तैयारी करने को कहा है। राहुल ने कहा-‘कोविड की समस्या आप सब जानते हैं, देश को जो दर्द पहुंचा, लाखों लोगों की मृत्यु हुई, कोरोना ने क्या किया पूरा देश जानता है। हमने व्हाइट पेपर डिटेल में तैयार किया है। इसका लक्ष्य सरकार पर उंगली उठाने का नहीं है, हम गलती को इसलिए प्वाइंट आउट कर रहे हैं क्योंकि हम जानते हैं कि आने वाले समय में इन गलतियों को ठीक करना ही होगा।’

आज प्रेस एक कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा कि दो-तीन चीजें हैं, पूरा देश जानता है कि दूसरी लहर से पहले हमारे वैज्ञानिकों ने डॉक्टरों ने दूसरी लहर की बात की थी और उस समय जो एक्शन सरकार को लेने थे, जो उनका व्यवहार होना चाहिए था वह नहीं रहा, और पूरे देश को दूसरी लहर का असर सहना पड़ा।

आज हम फिर से वहीं खड़े हैं, पूरा देश जानता है कि तीसरी लहर आने जा रही है, वायरस म्यूटेट कर रहा है और तीसरी लहर आएगी, इसलिए हम एक बार फिर कह रहे हैं कि सरकार को तीसरी लहर के लिए पूरी तैयारी करनी चाहिए। अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन, दवाओं की जो जरूरत है जो दूसरी लहर में नहीं की गई उनको तीसरी लहर में करना चाहिए। यह हमारा लक्ष्य है।’

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कांग्रेस नेता ने कहा-‘कोरोना से लड़ाई के खिलाफ जल्द से जल्द वैक्सिनेशन करना जरूरी है ऐसे में हमें वैक्सिनेशन बढ़ाना होगा। इस श्वेत पत्र की कांग्रेस के अंदर चर्चा की गई है, हमने एक्सपर्ट से बात की है और मुख्य तौर पर चार मुख्य बातों पर बात हुई है। पहली बात है हमें समझना होगा कि कहां गलती हुई है और यही इस श्वेत पत्र का आधार है।

दूसरी बात है कि हमें तीसरी लहर के लिए तैयारी करनी है जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना होगा। तीसरी बात है कि आर्थिक राहत पैकेज देना होगा, कोरोना की वजह से गरीबों पर मार पड़ी है उनकी सहायता करनी होगी। चौथी बात है कि हमें कोविड राहत कोष बनाना होगा जिसमें हम उन लोगों की सहायता के लिए आर्थिक मदद कर सकते हैं जिनके करीबी लोगों की कोरोना की वजह से मृत्यु हुई है। हमने न्याय का कॉन्सेप्ट दिया है अगर प्रधानमंत्री को नाम अच्छा नहीं लगता तो उसका नाम बदल दें, लेकिन गरीबों की जेब में डायरेक्ट पैसा पहुंचाएं।