आरयू वेब टीम। भारत आने वाले विदेशी यात्रियों के लिए क्वारंटाइन होने की शर्त सोमवार से खत्म हो गई है, हालांकि यात्रियों को जारी की गई सभी शर्तों का पालन करना होगा। इसे लेकर सरकार ने पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए संशोधित गाइडलाइन जारी की थी, जिसके अनुसार विदेश यात्रियों के लिए कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगना अनिवार्य होगा।
अगर उन्हें कोरोना की एक वैक्सीन लगी होगी या एक भी टीका नहीं लगा होगा तो भारत एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद उन्हें कोविड-19 टेस्ट कराना पड़ेगा। तभी उन्हें एयरपोर्ट छोड़ने की इजाजत मिलेगी और सात दिनों तक होम क्वारंटाइन रहना होगा। इन यात्रियों को कोरोना की निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखानी होगी। कोविड का एंटीजन या कोई अन्य जांच मान्य नहीं होगी, हालांकि यह सुविधा या छूट उन्हीं देशों के यात्रियों के लिए मिलेगी, जिनके साथ डब्ल्यूएचओ प्राप्त कोविड-19 वैक्सीन को लेकर भारत से समझौता हुआ हो।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 20 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए यह संशोधित गाइडलाइन जारी की थी। भारत आने के सात दिनों बाद उनका दोबारा कोरोना टेस्ट होगा। अगर यह टेस्ट निगेटिव आता है तो उन्हें अगले सात दिनों के लिए अपनी सेहत की निगरानी रखनी होगी।
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गौरतलब है कि ब्रिटेन समेत कई देशों ने लंबे वक्त तक भारत में कोविशील्ड वैक्सीन लगवा चुके यात्रियों को क्वारंटाइन से राहत नहीं दी थी। इसके बाद भारत को जवाबी कदम उठाते हुए ब्रिटेन के यात्रियों के लिए भी 14 दिनों का क्वारंटाइन नियम लागू करना पड़ा, हालांकि भारत के कड़े तेवरों के बाद ब्रिटेन ने तुरंत ही भारतीय वैक्सीन को मान्यता दे दी थी।
वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने संशोधित गाइडलाइन जारी करते हुए ये कहा था कि कोरोना वायरस लगातार अपने रूप बदल रहा है। डेल्टा वैरिएंट को लेकर भी उसने सतर्कता बरतने की सलाह दी थी। यात्रियों को विदेश यात्रा से जुड़े सारे प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। भारत आने के लिए संबंधित एयरलाइंस, प्रवेश मार्ग (हवाई अड्डे, समुद्री सीमा या जमीनी सीमा) से जुड़े नियमों को भी मानना जरूरी होगा।