अब योगी सरकार ने CBCID विभाग का नाम बदलकर किया ‘CID’, बताई ये वजह

सीबीसीआइडी
फाइल फोटो।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। अब योगी सरकार ने मशहूर जांच एजेंसी क्राइम ब्रांच क्रिमिनल इनवेस्टिगेशन डिपार्टमेन्ट (सीबीसीआइडी) का नाम बदल दिया है। राज्यपाल ने जांच एजेंसी के नाम बदलने की मंजूरी दे दी है। जिसके बाद
सरकार ने गुरुवार को सीबीसीआइडी का नाम बदलकर क्रिमिनल इनवेस्टिगेशन डिपार्टमेन्ट (सीआइडी) कर दिया है।

प्रदेश सरकार के गृह विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि क्राइम ब्रांच क्रिमिनल इनवेस्टिगेशन डिपार्टमेन्ट (सीबीसीआइडी) को अब अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) के नाम से जाना जाएगा। आदेश में कहा गया है कि जांच एजेंसी के नाम बदलने की मंजूरी राज्यपाल ने दी है। गृह विभाग के विशेष सचिव राकेश कुमार मालपानी की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि यह बदलाव 16 मार्च 2025 से प्रभावी माना जाएगा।

जारी आदेश में कहा गया है कि यह बदलाव जांच एजेंसी की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से किया गया है। इससे जनता और पुलिसकर्मियों को विभाग की भूमिका को समझने में आसानी होगी। कहा जा रहा है कि जांच एजेंसी का नाम सीबीसीआइडी की बजाय सीआइडी ज्यादा सरल और व्यापक रूप से मान्य है। जांच एजेंसी के नाम में कोई भ्रम की स्थिति नहीं रहेगी। सीआइडी का काम अपराधों की गहन जांच करना, फॉरेंसिक विश्लेषण और संगठित अपराध की पड़ताल करना है।

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बता दें कि सीआइडी देश के राज्य पुलिस विभागों की एक अपराध शाखा है जो आपराधिक जांच के लिए जिम्मेदार है। यह राज्य पुलिस की विशेष जांच शाखा है और इसका नेतृत्व पुलिस महानिदेशक या अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) रैंक के अधिकारी द्वारा किया जाता है। कुछ राज्य अपनी सीआइडी इकाइयों के लिए अलग-अलग नामों का उपयोग करते हैं। सीआइडी ब्रिटिश सरकार द्वारा 1902 में एंड्रयू फ्रेजर की अध्यक्षता में भारतीय पुलिस आयोग की सिफारिशों के आधार पर सीआईडी का पहली बार गठन किया गया था।

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