बाबा साहब को याद कर बोलीं मायावती, जाति के आधार पर जनता को बांटने वाले अब देवी-देवताओं को भी रहें बांट

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आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की 63वीं पुण्यतिथि पर बाबा साहब को श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्‍हें याद किया। साथ ही मायावती ने उनके सपनों व संविधान की सच्ची मंशा पर आधारित समतामूलक भारत राष्ट्र बनाने हेतु वोटों के माध्यम से सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने के दृढ़संकल्प को भी दोहराया की। इस दौरन मायावती ने योगी सरकार पर भी जमकर हमला बोला।

पूर्व मुख्‍यमंत्री ने कहा कि वोटों व चुनावी स्वार्थ की राजनीति में बीजेपी के नेता इतना गिर गए हैं कि अब वे हिन्दू देवी-देवताओं व आस्थाओं को भी नहीं बख्श रहे है। वहीं मायावती ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ केे भगवान  हनुमान के दलित समाज से होने संबंधी बयान देशभर में खासकर चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसको लेकर यह मांग भी उठ रही है कि इस आधार पर देश के सभी हनुमान मंदिरों को दलित पुजारियों के हवाले कर दिया जाये तो बेहतर होगा।

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बसपा प्रमुख ने आगे कहा कि इन लोगों ने जाति के आाधर पर पहले लोगों को बांटा और अब देवी-देवताओं को भी जाति में बांटने का फरमान जारी कर रहे हैं। ऐसे लोगों से देश की आमजनता को बहुत ही सतर्क रहने की जरूरत है। उन्‍होंने हमला जारी रखते हुए कहा बीजेपी की केंद्र सरकार बाबा साहब के संविधान को जबर्दस्ती फेल साबित करने के षडयंत्र में लगी है, जिसे किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देना है।

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बसपा मुखिया ने हमला जारी रखते हुए आगे कहा कि दुख की बात यह भी है कि देश के किसान अपनी तकलीफ व बदहाल जिंदगी के उचित व तत्काल समाधान की मांग कर रहे हैं, ताकि उन्हें आत्महत्या के लिए और ज्यादा मजबूर न होना पडे़। जबकि बीजेपी सरकार व उनके मंत्रीगण डंका पीटतेे हैं कि साल 2021 तक किसानों की आमदनी दोगुनी कर दी जाएगी, लेकिन किसान पिछले साढ़े चार साल से यही ’’मोदी राग’’ सुनता चला आ रहा है।

अपनी इसी प्रकार की घोर वादाखिलाफी व विफलताओं पर से लोगों का ध्यान एक बार फिर बांटकर राजनीतिक रोटी सेकने के लिये ही बीजेपी व आरएसएस एण्ड कंपनी के लोग अब सभी कामधाम छोड़कर राम मंदिर अभियान में लग गये हैं।

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