अब इंजीनियर-सुपरवाइजर के अवैध निर्माण का हिसाब-किताब अफसर भी देख सकेंगे, उपाध्‍यक्ष ने टारगेट के साथ दिया ‘प्रवर्तन डायरी’ बनाने का निर्देश

दैनिक प्रवर्तन डायरी

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। छोटे-बड़े वाहनों के अलावा अफसर, इंजीनियर, सुपरवाइजर और सुरक्षाकर्मियों की सैलरी पर हर महीने करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी अवैध निर्माण-प्‍लॉटिंग की ठेकेदारी पर रोक लगाने में बुरी तरह नाकाम लखनऊ विकास प्राधिकरण ने एक बार फिर अपनी इमेज सुधारने की कोशिश की है। प्रवर्तन के अफसर व इंजीनियरों के अवैध निर्माण रोकने के उलट संरक्षण देने के लगातार मामले सामने आने के बाद एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने इनकी कारस्‍तानी पर नजर रखने के लिए टारगेट तय करने के साथ ही ‘दैनिक प्रवर्तन डायरी’ बनाने का निर्देश दिया है।

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इस डायरी में रोजाना फील्ड में किये गये निरीक्षण व कार्रवाई की इंजीनियर व चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को पूरी डिटेल लिखनी होगी। रिपोर्टिंग अधिकारी डायरी में अंकित स्थानों का निरीक्षण करेंगे और काम से खुश होने पर ही संबंधित का वेतन जारी करने का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा, जब‍कि जोनल अधिकारियों पर वीसी खुद निगांह रखेंगे।

नियंत्रण के लिए गहन मॉनिटरिंग की जरूरत

एलडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि शहर में अनाधिकृत निर्माणों पर प्रभावी नियंत्रण लगाने के लिए गहनता से मॉनिटरिंग करने की आवश्यकता है। जिसके लिए प्रवर्तन में तैनात सुपरवाइजरों व अभियंताओं से दैनिक प्रवर्तन कार्यवाही की सूचना प्राप्त किया जाना जरूरी है। इसके लिए अब से प्रत्येक सुपरवाइजर, जेई व एई को हर दिन की अपनी कार्यवाही का ब्योरा दैनिक प्रवर्तन डायरी में अंकित करना होगा।

हर दिन सुपरवाइजर दस तो JE करेंगे पांच निरीक्षण

वीसी ने बताया कि फील्ड मॉनिटरिंग के लिए टारगेट भी तय किया गया है। जिसके तहत सुपरवाइजर को प्रतिदिन आठ से दस अवैध निर्माण-प्‍लॉटिंग का निरीक्षण करना होगा। जेई को सुपरवाइजर के निरीक्षण की मॉनिटरिंग करने के अलावा पांच अन्य स्थलों का निरीक्षण कर प्रवर्तन डायरी में विवरण अंकित करना होगा।

AE को भी करना होगा दो नया निरीक्षण

इसी क्रम में जेई द्वारा डायरी में उल्लेखित स्थलों में से 30 प्रतिशत स्थलों का निरीक्षण सहायक अभियंता खुद करेंगे। साथ ही प्रतिदिन दो नये स्थलों का मौका मुआयना कर अपनी दैनिक डायरी में रिपोर्ट लिखेंगे।

संतोषजनक कार्रवाई पर ही रिपोर्टिंग अधिकारी संबंधित का वेतन आहरित करने की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट अधिष्‍ठान भेजेंगे। वीसी का कहना है कि लापरवाही की दिशा में सैलरी नहीं जारी की जाएगी।

जेई-एई की रिपोर्ट जांचने को जोनल करेंगे औचक निरीक्षण

उपाध्यक्ष ने बताया कि जोनल अधिकारियों को अवर अभियंता व सहायक अभियंता द्वारा किये गये स्थल निरीक्षण का आकस्मिक निरीक्षण कर कार्रवाई का सत्यापन करना होगा।

घर में व्‍यापार की जानकारी VC को देंगे जोनल

इसके अलावा जोनल अधिकारी आवासीय क्षेत्र में अनावासीय निर्माणों की खुद मॉनिटरिंग करेंगे। इस मॉनिटरिंग की रिपोर्ट हर हफ्ते एलडीए वीसी को रिपोर्ट भी देंगे।

डायरी में होगी अवैध निर्माण-प्‍लॉटिंग की पूरी कुंडली

उपाध्‍यक्ष ने आज मीडिया को यह भी बताया कि इंजीनियर व सुपरवाइजर की दैनिक प्रवर्तन डायरी का प्रारूप भी निर्धारित किया गया है। इसके तहत प्रवर्तन टीम को सील किये गये अवैध निर्माणों का एरिया, निर्माण का प्रकार, वाद संख्या, सीलिंग आदेश पारित होने की तिथि, सीलिंग की तिथि, सीलिंग से पूर्व की फोटो, सीलिंग के पश्चात की फोटो प्रारूप में देनी होगी।

इसी तरह उन्हें ध्वस्त किये गये अवैध निर्माणों का ब्योरा डायरी में उल्लेखित करना होगा। वहीं, लंबित सीलिंग व ध्वस्तीकरण आदेश के प्रकरणों का भी इसी तरह डिटेल देनी होगी।

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बताते चलें कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जबकि एलडीए के किसी वीसी ने इस तरह की पहल की है। इससे पहले भी कई बार अवैध निर्माण व अवैध प्‍लॉटिंग रोकने की कई बार कोशिश की जा चुकी है, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी है।

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हालात यहां तक खराब हैं कि लखनऊ के दूर-दराज के इलाकों व पुराने क्षेत्रों से लेकर गोमतीनगर स्थित एलडीए मुख्‍यालय तक के आसपास के क्षेत्रों में भी अवैध निर्माण धड़ल्‍ले से चल रहें हैं। प्राधिकरण की इस नाकामी से न सिर्फ उसके अफसरों की बदनामी हो रही, बल्कि राजधानी लखनऊ में इस तरह के हालात होने से योगी सरकार की भी कई बार फजीहत होती है।

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