आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या के छोड़कर जाने पर अब सरकार ने भी उनके बिना चुनाव मैदान में कूदने का ऐलान कर दिया है। योगी सरकार ने कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्या के जाने से बीजेपी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। भाजपा यूपी में एक बार फिर प्रचंड बहुमत की सरकार बनाएगी, उसे कोई नहीं रोक सकता।
आज मीडिया से बात करते हुए योगी सरकार के प्रवक्ता सिर्द्धाथनाथ सिंह ने खुद ही सरकार की रणनीति स्पष्ट कर दी है। स्वामी प्रसाद मौर्या के 14 जनवरी को सपा में शामिल होने के बाद सिर्द्धाथनाथ सिंह ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोड़ने से पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर बिल्कुल भी असर नहीं पड़ेगा।
यह भी पढ़ें- स्वामी प्रसाद मौर्या ने दिया मंत्री पद से इस्तीफा, योगी सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाकर बोले, विपरीत परिस्थितियों में निभाई जिम्मेदारी
साथ ही कैबिनेट मंत्री ने दावा किया है कि दलितों के लिए जितना काम भाजपा सरकार में हुआ, उतना काम सपा-बसपा की सरकारों में भी नहीं हुआ। स्वामी प्रसाद ने खुद इसके लिए योगी सरकार की तारीफ की है। यूपी चुनाव में भाजपा एक बार फिर प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने जा रही है। प्रदेश में फिर से कमल खिलेगा, उसे कोई नहीं रोक सकता। साथ ही यह भी कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने पांच साल में कभी कुछ नहीं बोला, चुनाव के पहले जाने का मतलब कुछ और भी होता है वो खुलासा वो खुद करें तो ज्यादा अच्छा है।
…वो ही लोग भाजपा छोड़ रहे: पुष्कर सिंह
दूसरी ओर भाजपा छोड़कर जाने वाले मंत्री व विधायकों के खिलाफ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मोर्चा खोल दिया है। सीएम ने बुधवार को अपने बयान में ऐसे लोगों को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि जिनके अपने स्वार्थों की सिद्धि भाजपा में नहीं हो रही है, जो लोग समाज के लिए काम नहीं करना चाहते हैं वो ही लोग भाजपा छोड़ रहे हैं। अन्यथा देश के साथ चलने वाले सभी लोग आज भाजपा में हैं।
यह भी पढ़ें- भाजपा को झटका दे सपा अध्यक्ष से मिले स्वामी प्रसाद मौर्या, पार्टी में स्वागत कर अखिलेश ने बताया लोकप्रिय नेता
बताते चलें कि मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्या के मंत्रिमंडल छोड़कर जाने व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से उनकी मुलाकात के बाद भी बीजेपी खेमे के लोग उन्हें मनाने की अपनी तरीके से कोशिश करते रहें। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने सार्वजनिक रूप से ट्विट कर भी उनसे बैठक बात करने की अपील भी की, लेकिन स्वामी प्रसाद नहीं माने। इसके बाद आज स्वामी प्रसाद ने 14 जनवरी को सपा में शामिल होने का ऐलान भी कर दिया, ऐसे में अब भाजपा ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।