अब्दुल्ला आजम ने बताया सुरक्षाकर्मियों से जान का खतरा, “बोले, पुलिस वाले कर रहें रेकी”

अब्दुल्ला आजम

आरयू ब्यूरो,लखनऊ/रामपुर। हाल ही में जेल से रिहा हुए सपा सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने  अपनी मां के साथ नामांकन कराया। अब्दुल्ला आजम ने शुक्रवार को गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सुरक्षा में जो पुलिसकर्मी तैनात हैं उनको उनसे जान का खतरा है। एक कार में चार पुलिस वाले उनकी रेकी कर रहे हैं। साथ ही कहा कि मेरे नामांकन से इतना डर क्यों है, चुनाव लड़िए जनता के बीच जाइए। अब्दुल्ला आजम ने कहा कि वह जिससे मिलने जाते हैं उसके खिलाफ जिला प्रशासन मुकदमा दर्ज करवा देता है।

अब्दुल्ला आजम खान स्वार से सपा के प्रत्याशी हैं। उन्होंने आज प्रेसवार्ता में भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं उनसे कहना चाहता हूं कि आप मजबूती से चुनाव लड़ो, जनता के बीच जाओ अगर मैं गलत हूं तो मुझे हराओ। विरोधियों पर तंज कसते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि आपके साथ अधिकारी हैं। आपके साथ पुलिस है। आपके साथ दो-दो सरकारें हैं। मैं तो अकेला हूं। मेरे साथ जो पुलिस वाले चल रहे हैं मुझे तो उन पर भी भरोसा नहीं है। वे ही मुझे गोली मार दें। मैं तो अकेला हूं। मेरी सुरक्षा मेरा मालिक करता है। इसके अलावा जो मेरे साथ लोग चलते हैं, वो करते हैं।

पुलिस पहले से पहुंचकर परिवार को…

साथ ही पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे किसी की सुरक्षा नहीं चाहिए। वे सुरक्षाकर्मी मेरी सुरक्षा के लिए नहीं लगाए गए हैं वह मेरी रेकी के लिए लगाए गए हैं। मैं जिससे मिलता हूं पुलिस उस पर मुकद्दमा दर्ज कर देती है। एक वैगनआर गाड़ी है उसमें चार पुलिसवाले मुस्तकिल चल रहे हैं। रामपुर में कोविड से कई मौतें हुईं। मैं उन परिवारों से मिलने जाता था तो पुलिस पहले से पहुंचकर परिवार को धमकाती थी कि न उनसे मिलोगे और न ही बुलाओगे। मुझसे मिलने वालों पर मुकदमा दर्ज हो रहा है। पुलिस साथ में चल रही है वह कहती है तुम किसी से मिलोगे तो मुकदमा दर्ज कर लेंगे।

लोगों को मुकदमों के नाम पर जा रहा धमकाया

मीडिया से बात करते हुए अब्दुल्ला आजम ने कहा कि चुनाव आयोग एक तरफ तो मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर जोर दे रहा है और दूसरी तरफ लोगों को मुकदमों के नाम पर धमकाया जा रहा है। पुलिस ने अब तक 40 से 50 हजार लोगों को रेड कार्ड जारी कर दिए हैं। ऐसे लोगों को मुचलकों में पाबंद किया गया है, जिनके खिलाफ एक मुकदमा तक दर्ज नहीं है। लोगों में डर का माहौल पैदा किया जा रहा है। रामपुर में मुकदमों को मजाक बना दिया है।

गलत तरीके से मंडलायुक्त का किया गया एक्सटेंशन

पहली बार कोई मंडलायुक्त बूथों के निरीक्षण के लिए पहुंचे और पुलिस को बताया कि किस मोहल्ले से किस व्यक्ति को उठाया जाए। ऐसे में निष्पक्ष चुनाव कैसे संभव है? लोग तो डर की वजह से वोट तक डालने के लिए नहीं निकलेंगे। यदि ऐसे ही हालात रहे, तो लोगों का लोकतंत्र से विश्वास उठ जाएगा।  इस दौरान अब्दुल्ला आजम ने चुनाव आयोग से अपील करते हुए कहा कि वह रामपुर की तरफ विशेष ध्यान दे और मंडलायुक्त को हटाया जाए। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गलत तरीके से मंडलायुक्त का एक्सटेंशन किया गया, जबकि उनकी अवधि पूरी हो चुकी है।

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