ACP ऑफिस की बिल्डिंग में लगी भीषण आग, छह दुकानें जली, बहुमंजिला इमारत में नहीं थे आग से निपटने के इंतजाम

एसीपी ऑफिस
आग लगते ही काले धुंएं में गुम होने लगी थी इमारत।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। गाजीपुर इलाके में रविवार को एसीपी ऑफिस की बिल्डिंग में भीषण आग लगने से करीब आधा दर्जन दुकानों व कार्यालय का सामान जलकर नष्‍ट हो गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंचीं दमकल विभाग के जवानों ने करीब दो घंटें की मशक्‍कत से आग पर काबू पाया। शुरूआती जांच में पता चला है कि मानकों का ताख पर रखकर बिल्डिंग के दुकानें व कार्यालय खोले गए थे। दर्जनों दुकानें व ऑफिस व क्लिनिक होने के बावजूद आग से निपटने के इंतजाम भी बिल्डिंग में नहीं थे।

मिली जानकारी के अनुसार मेट्रो स्‍टेशन से कुछ ही दूरी पर लबे सड़क स्थित शिवालिक कॉम्प्लेक्स की तीसरी मंजिल पर एसीपी गाजीपुर अमित कुमार राय का कार्यालय है। आज पूर्वान्‍ह इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित संजय अग्निहोत्री के कवाब-पराठे की दुकान में रखे सिलिंडर से गैस लीकेज के चलते आग लग गयी। वहां मौजूद लोग कुछ समझ पाते इससे पहले ही आग तेजी से फैल गयी।

लोगों का कहना था कि इसके कुछ ही क्षणों बाद सिलिंडर में ब्‍लॉस्‍ट हो गया। जिसके बाद आग ने विकराल रूप ले लिया। वहीं आग तेजी से फैलती देख लोग बाहर भाग निकले।

यह भी पढ़ें- लखनऊ के रिहायशी इलाके में धड़ल्‍ले से चल रही प्लाई फैक्‍ट्री में लगी भीषण आग, तीन झुलसे

सूचना पाकर कुछ ही देर में मौके पर पहुंचीं दमकल की चार गाडि़यों ने आग बुझाना शुरू किया। हालांकि तब तक आग ने उदय सिंह के प्रताप मेडिकल स्टोर, प्रॉपटी डीलर नंदलाल के ऑफिस व डॉ. हसनैन की क्लीनिक को भी पूरी तरह से अपनी चपेट में ले‍ लिया था। इन दुकानों में लगभग सारा सामान जलकर नष्‍ट हो गया।

वहीं आसपास की कुछ अन्‍य दुकानों में भी आग व धुंए के चलते काफी सामान खराब हो गया। हालां‍कि रविवार होने की वजहें से इन दुकानों के बंद होने के चलते लोगों ने शटर तोड़कर आग पर काबू किया।

सीफएओ लखनऊ विजय कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि शिवालिक कॉम्प्लेक्स में आग बुझाने के उपकरण नहीं थे। साथ ही दमकल विभाग से बिल्डिंग मालिक ने एनओसी भी नहीं ली थी। आग से निपटने के अगर प्रबंध होते तो आग इतना अधिक नहीं फैल पाती। बिल्डिंग मालिक को नोटिस भेजने के साथ ही आगे की कार्रवाई की जा रही है।

यह भी पढ़ें- शर्मनाक: अवैध होटल में आग से मासूम समेत सात की जिंदा जलकर गयी थी जान, 20 महीने बाद भी LDA दोषियों पर मेहरबान