आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तराखंड की एसीएस होम राधा रतूड़ी के बयान के बाद उत्तराखंड से लेकर यूपी तक हलचल मच गयी है। राधा रतूड़ी ने एक बैठक में सीधे तौर पर यूपी की पुलिस की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यूपी पुलिस निर्दोष को पकड़ कर कहती है हमने केस सॉल्व कर दिया। बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं यूपी पुलिस ने उत्तराखंड सरकार से इस बयान पर रोक लगाने की मांग की है। यूपी पुलिस के एडीजी एलओ प्रशांत कुमार ने बयान को खेद जनक बताते हुए सवाल उठाएं हैं।
मातहतो को नसीहत देते हुए आज राधा रतूड़ी ने कहा कि जो क्राइम है वो सॉल्व होना चाहिए और सही तरीके से होना चाहिए। किसी निर्दोष को नहीं पकड़ना चाहिए, ये भी गलत है। साथ ही उन्होंने बैठक में उदाहरण देते हुए आगे कहा कि कई बार यूपी पुलिस क्या करती है, किसी निर्दोष व्यक्ति को पकड़कर कहती है हमने सॉल्व कर दिया, ये भी गलत है। अगर आप एक निर्दोष व्यक्ति को सजा देंगे तो उससे 99 और अपराधी पैदा होंगे, इसलिए अपराध की सही-सही विवेचना होनी चाहिए और सही लोगों को सजा मिलनी चाहिए।
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वहीं इसका वीडियो वायरल होने के बाद यूपी के एडीजी प्रशांत कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने उत्तराखंड के एसीएस गृह का बयान देखा और सुना है। ये बयान खेद जनक है और तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। मुख्तार अंसारी और विजय मिश्रा जिन्हें न्यायालय ने सजा दी है वे निर्दोष लगते हैं? क्या जफर जो खनन माफिया है वे निर्दोष लगते हैं?।
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साथ ही एडीजी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस ने अपराध और अपराधियों के प्रति कार्रवाई करके एक नजीर प्रस्तुत की है। उत्तर प्रदेश पुलिस उत्तराखंड सरकार से मांग करती है कि इस तरह के गैर ज़िम्मेदाराना बयान पर रोक लगाई जाए।