आरयू वेब टीम।
अलवर में हुई घटना पर आज उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान सरकार समेत छह अन्य राज्यों से तीन हफ्ते के भीतर जवाब तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट ने गोरक्षा समूहों पर प्रतिबंध की मांग करने वाली याचिका पर जवाब मांगा है। पीठ ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए तीन मई तय की है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील ने संक्षिप्त सुनवाई में राजस्थान के अलवर में हाल में हुई घटना का जिक्र किया है। जिसमें खुद को गोरक्षक बताने वाले समूह ने एक व्यक्त्िा को कथित तौर पर गो तस्कर बताकर पीट-पीट उसकी हत्या कर दी।
वकील का कहना है कि इन राज्यों में जमीनी स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि गोरक्षा समूह वहां हिंसा कर रहे हैं। केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने पीठ से कहा कि याचिका पर राज्यों को औपचारिक नोटिस नहीं दिए गए हैं।
इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता तहसीन ए पूनावाला ने अपनी याचिका में कहा कि इन ‘गोरक्षा’ समूहों द्वारा की जाने वाली कथित हिंसा इस हद तक बढ़ गई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन लोगों के बारे में कहा था कि वे समाज को नष्ट कर रहे हैं।
जिसके बाद न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति एएम खानविलकर ने राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
गौरतलब है कि न्यायालय ने पिछले साल 21 अक्तूबर को याचिका की समीक्षा पर सहमति जताई थी। याचिका में गोरक्षा समूहों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है जो कथित रूप से हिंसा कर रहे हैं और दलितों एवं अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रहे हैं।