आरयू ब्यूरो,
लखनऊ।गोमतीनगर के जनेश्वर मिश्र (जेएम) पार्क के सामने गुरुवार की शाम तेज रफ्तार बाइक से हुए एक एक्सिडेंट को देख लोग कांप उठे। अनियंत्रित बाइक के डिवाइडर से टकराने के बाद बाइकसवार छिटकर ग्रिल पर जा गिरा। ग्रिल युवक के ठोड़ी और जबान को चीरती हुई मुंह के बाहर निकल आयी। युवक को ग्रिल में फंसा देख वहां हड़कंप मच गया।
सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने काफी देर की मशक्कत के बाद युवक को ग्रिल के टुकड़े समेत अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका उपचार चल रहा है। वहीं दुर्घटना के समय युवक के साथ मौजूद उसके दो अन्य साथियों के भी घायल होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बताया जा रहा है कि गुरुवार की शाम करीब साढ़े पांच बजे कैसरबाग के मछली मोहाल निवासी मोहम्मद कोनैन (24) अपने दो साथियों के साथ बाइक से जेएम पार्क की तरफ आ रहा था। दयाल चौराह पार करते ही कोनैन ने बाइक की स्पीड काफी तेज कर दी। जिसके बाद जनेश्वर पार्क के गेट नंबर दो के ठीक सामने स्थित तिराहे के डिवाइडर से बाइक टकरा गयी।
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रफ्तार तेज होने के चलते कोनैन छटककर सीधा लोहे की नुकीली ग्रिल पर जा गिरा, जो कोनैन की ठोड़ी और जबान को चीरते हुए मुंह के बाहर निकल गयी, जबकि साथ में मौजूद उसके दो अन्य साथी क्यारी में जा गिरे।
दुर्घटना देख लोग दौड़ते हुए मौके पर पहुंचे और इसकी जानकारी पुलिस के साथ ही एम्बुलेंस सेवा को दी। घटनास्थल पर पहुंची एम्बुलेंस से कोनैन के दोनों घायल साथियों को लोहिया अस्पताल पहुंचाया गया। जहां सिर और चेहरे की गंभीर चोटों को देखते हुए उन्हें भर्ती कर लिया गया।
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दूसरी ओर कोनैन ग्रिल में ही करीब एक घंटें तक फंसा रहा। मौके पर पहुंची गोमतीनगर पुलिस ने ग्रिल में काफी दर्दनाक तरीके से फंसे कोनैन को निकालने की जगह ग्रिल ही काटने में भलाई समझी। पुलिस ने लोहे की आरी से सावधानीपूर्वक ग्रिल काटने के बाद कोनैन को भी लोहिया अस्पताल पहुंचाया, हालांकि मुंह में ग्रिल का टुकड़ा फंसा देख डॉक्टरों ने उसे ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया। जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर कोनैन के मुंह से ग्रिल का टुकड़ा बाहर निकाला। दुर्घटना में घायल तीनों युवकों की हालत खतरे से बाहर बतायी जा रही है।
दुर्घटना ने उठाए पुलिस की मुस्तैदी पर सवाल
बताते चले कि जनेश्वर मिश्र पार्क के आसपास का इलाका हमेशा से ही तेज रफ्तार बाइक दौड़ाने वालों के लिए बदनाम रहा है। आए दिन यहां होने वाली दुर्घटनाओं में अब तक दर्जनों युवा स्टंट करने के चक्कर में अपनी जान तक गंवा चुके हैं। इन सबके अलावा बाइक पर तीन सवारी वो भी बिना हेलमेट के होने के बाद भी गोमतीनगर पुलिस का कोनैन को नहीं रोकना अपने आप में सवाल खड़ा करता है।
एसएसपी की बात भी मानी होती तो न आती ये नौबत
उल्लेखनीय है कि लखनऊ की कमान संभालने के बाद से ही एसएसपी कलानिधि नैथानी अकसर ही बिना हेलमेट के बाइक चलाने वालों के खिलाफ अभियान चलाते रहें हैं, इस दौरान उन्होंने न सिर्फ “नो हेलमेट, नो पेट्रोल” जैसे अभियान की लखनऊ में शुरूआत की बल्कि खुद भी चौराहों पर खड़े होकर जनता को हेलमेट देने और पहनने की अपील कर चुके हैं। एसएसपी की इन कोशिशों के बाद राजधानी की सड़कों पर हेलमेटधारी बाइकचालकों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है, लेकिन अब भी कोनैन जैसे युवा बिना हेलमेट के बाइक दौड़ाकर अपनी ही जान के दुश्मन बनते नजर आ रहे हैं।
वहीं कोनैन के केस में केजीएमयू के डॉक्टरों का भी कहना था कि अगर उसने हेलमेट लगाया होता तो ग्रिल से इस तरह से घायल होने की नौबत नहीं आती। हालांकि इस मामले में ये गनीमत रही कि ग्रिल ठोड़ी और जबान में छेद करने के बाद मुंह के बाहर निकल गयी, नहीं तो स्थिति और भयानक होती।
https://youtu.be/RpJFj9EH2Xc