आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सपा के संस्थापक सदस्य आजम खान के 27 महीना जेल में रहने के दौरान अखिलेश यादव व सपा की इस मामले में भूमिका से नाराज चल रहे मुसलमानों को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने यूपी के लोकसभा उपचुनाव से पहले मनाना शुरू कर दिया है। जेल से छूटने के बाद भी अखिलेश से आजम खान को कतराते देख खासकर मुस्लिम समाज के लोग भी अखिलेश को संदेह की नजर से देख रहें हैं।
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इन सबके बीच अखिलेश यादव ने आज सपा के प्रदेश मुख्यालय पर समाजवादी अल्पसंख्यक सभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई। गुरुवार को बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सपा ने हमेशा अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण किया है और साल 2022 के यूपी विधान सभा चुनावों में अल्पसंख्यक भाइयों ने सपा के पक्ष में एकमुश्त मतदान किया जिसके लिए उन्हें धन्यवाद।
साथ ही अखिलेश ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा है कि वे भाजपा के किसी एजेंडा में न फंसकर 2024 के लोकसभा चुनावों में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीतने का लक्ष्य लेकर एकजुट हों।
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अखिलेश यादव ने कहा कि आज देश भाजपा की कुनीतियों के चलते तमाम समस्याओं से जूझ रहा है। देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है। अमीर गरीब के बीच असमानता बढ़ी है। मंहगाई भ्रष्टाचार से लोग परेशान है। नोटबन्दी-जीएसटी ने व्यापार चौपट कर दिया है। किसान, नौजवान के हितों की उपेक्षा की जा रही है।
भाजपा नफरत फैलाने और समाज को बांटने के एजेंडा पर काम कर रही है। संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। महत्वपूर्ण पदों पर आरएसएस के लोगों को बिठाया जा रहा। वह देश की गंगा-जमुनी संस्कृति को तोड़ने और आपसी सौहार्द को नष्ट करने में लगी है, उसकी इन नीतियों से देश के एक बड़े वर्ग में भय और असुरक्षा की भावना है।
सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने दावा किया है कि समाजवादी अल्पसंख्यक सभा की बैठक में वक्ताओं ने अखिलेश यादव के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए भरोसा दिलाया कि अल्पसंख्यक पूरी तरह उनके साथ हैं और रहेगें। आगामी लोकसभा चुनावों में भी उनका समर्थन समाजवादी पार्टी को मिलेगा।
बैठक में इरफान उल हक कादरी, सरताज चौधरी, आफताब कुरैशी व मोहम्मद यूनुस समेत अन्य मौजूद रहें। बैठक की अध्यक्षता मौलाना इकबाल कादरी राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजवादी अल्पसंख्यक सभा तथा संचालन महासचिव मो. यामीन खान ने किया।