आम्रपाली ग्रुप पर और कसा सुप्रीम कोर्ट का शिकंजा, दिया नौं संपत्तियों को सील करने का आदेश

आम्रपाली ग्रुप
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। मनमानी और ग्राहकों से धोखाधड़ी के लिए चर्चा में रहने वाले आम्रपाली ग्रुप को बुधवार को एक बार फिर देश की सबसे बड़ी अदालत ने करारा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज आम्रपाली रियल एस्टेट की नौ प्रॉपर्टी सील करने का आदेश दिया है। ये वही प्रॉपर्टी हैं जिनसे जुड़ी ऑडिट रिपोर्ट ग्रुप को जमा करना था। ये संपत्तियां ग्रेटर नोएडा, राजगीर और बक्सर में हैं।

दरअसल आम्रपाली के तीनों निदेशकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका में कहा था कि उन्हें जेल में ना रखा जाए, उन्होंने न्यायालय से आग्रह किया था कि उन्हें घर या किसी गेस्ट हाउस में  रखा जा सकता है। याचिका में ये भी कहा गया कि वो रात को ऑडिटर्स को कागजात देना चाहते थे लेकिन वो उपलब्ध नहीं थे। न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि इन संपत्तियों को सील करने के बाद इनकी चाभियां शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार को सौंप दी जाए।

बता दें कि आवासीय परियोजनाएं पूरा करने में नाकाम रहने और खरीदारों को फ्लैट नहीं देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट लगातार आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। इससे पहले ग्रुप के तीन डायरेक्टर हिरासत में लिए गए थे, जिन्होंने बताया कि ग्रुप की 46 कंपनियों से जुड़े दस्तावेज इन जगहों में रखे हुए हैं।

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मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के डायरेक्टर अनिल कुमार शर्मा, शिव प्रिया और अजय कुमार को पुलिस हिरासत में भेजते हुए समूह की सभी 46 कंपनियों के सारे दस्तावेज फोरेंसिक ऑडिटर्स को सौंपने के निर्देश दिए थे।

जस्टिस अरुण मिश्रा और यूयू ललित की पीठ ने कहा था कि जब तक फोरेंसिक ऑडिटर्स को सारे दस्तावेज सौंपे नहीं जाते तब तक तीनों डायरेक्टर पुलिस हिरासत में रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने ये सख्‍ती उन खरीदारों की अर्जी पर सुनवाई करते दिखाई है, जिन्होंने समूह की परियोजनाओं में करीब 42 हजार फ्लैट बुक कर रखे हैं।

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