नवोदय की छात्रा से रेप व मौत पर अराधना मिश्रा ने की CBI जांच की मांग, योगी सरकार से सवाल भी पूछें

अराधना मिश्रा
मीडिया से बात करतीं अराधना मिश्रा साथ में कांग्रेस के अन्य नेता।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। मैनुपरी के नवोदय विद्यालय की छात्रा से दुष्कर्म व कथित हत्‍या के मामले को लेकर बुधवार को कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता अराधना मिश्रा मोना ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्‍होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सिर्फ मैनपुरी के डीएम व एसपी को हटाने भर से ही योगी सरकार की जिम्‍मेदारी पूरी नहीं हो जाती।

आज उन्‍होंने कांग्रेस के प्रदेश मुख्‍यालय पर आयोजित एक प्रेसवार्ता में आगे कहा कि छात्रा से रेप के बाद उसकी हत्‍या कर दी जाती है, 16 सितंबर से लगातार छात्रा के घरवाले बेटी के साथ रेप व हत्‍या करने की बात कहते हुए न्‍याय के लिए दर-दर भटकते रहें, लेकिन उन्‍हें न्‍याय नहीं मिला।

अराधना ने हमला जारी रखते हुए कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखने एवं ट्वीट के बाद योगी सरकार कुम्भकर्णी नींद से जागी और आनन-फानन में एसआईटी का गठन किया। वहीं विधि विज्ञान प्रयोगशाला आगरा की रिपोर्ट में छात्रा से बलात्कार की पुष्टि हुई, जिससे परिवार द्वारा लगाये जा रहे आरोप सही साबित हुए। इस मामले में अगर शासन-प्रशासन लीपापोती न करके उचित कार्रवाई पहले ही कर देते तो पीड़ित को अब तक न्याय मिल चुका होता और अपराधी खुले न घूम रहे होते।

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कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता ने आगे कहा कि “जस्टिस डिनाइड, इज जस्टिस डिलेय्ड”, की परिभाषा के अन्तर्गत यह सरकार महिला उत्पीड़न के मामलों में न्याय देने में लगातार असफल साबित हो रही है। अराधना मिश्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस जघन्‍य कांड में लोगों को अब भी बचाया जा रहा है, इसलिए भाजपा सरकार इसकी सीबीआइ जांच कराए। साथ ही उन्‍होंने मांग करते हुए आगे कहा कि छात्रा के परिजनों को सुरक्षा का प्रबंध कराने के साथ ही एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता भी दी जाए।

एनसीआरबी का डेटा क्यों नहीं किया गया जारी

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्‍यम से योगी सरकार से सवाल करते हुए आज कहा कि साल 2017 के बाद एनसीआरबी का डेटा क्यों नहीं जारी किया गया, भाजपा सरकार उसको दो साल से क्यों छिपाये है? अगर सब कुछ सही है तो उसको सार्वजनिक करने से सरकार क्यों डर रही है?

बालिकाओं व महिलाओं की वास्तविक संख्या क्या है

साथ ही योगी सरकार ये भी बताए कि कस्तूरबा आवासीय विद्यालय, वर्किंग वूमेन हास्टल, नवोदय विद्यालय, नारी निकेतन, किशोर आवास इत्यादि सरकार द्वारा संचालित व संरक्षित संस्थानों में बालिकाओं व महिलाओं की वास्तविक संख्या क्या है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार के क्या प्रयास हैं?

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आराधना ने कहा कि यदि सरकार के पास महिला एवं किशोरियों की सही संख्या ही नहीं होगी तो वह उनकी सुविधा एवं सुरक्षा का इंतजाम कैसे करेगी। महिलाओं एवं किशोरियों के लिए मुक्‍त वातावरण एवं सुरक्षा के इंतजाम जैसे- सीसीटीवी कैमरा आदि की भी मांग की जिसकी मानीटरिंग एक संवैधानिक कमीशन(आयोग) द्वारा की जाय। साथ ही वीमेन गर्ल एण्ड चाइल्ड सेफ्टी इन्डेक्स की भी स्थापना सरकार करे। प्रेसवार्ता में कांग्रेस प्रवक्‍ता डॉ. उमाशंकर पांडेय व डॉ. अनूप पटेल समेत अन्‍य नेता भी मौजूद रहें।