जयराम रमेश ने कहा, आइएनएस विक्रांत को 2014 के बाद की उपलब्धि बताना गलत, सभी सरकारों को जाता है इसका श्रेय

आइएनएस विक्रांत का श्रेय

आरयू वेब टीम। भारत का पहला युद्धपोत आइएनएस विक्रांत नौसेना में शामिल किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत सेना के कई अधिकारी भी मौजूद रहे। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आइएनएस विक्रांत को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का खंडन करते हुए कहा कि एयरक्राफ्ट कैरियर का श्रेय सभी सरकारों को जाता है। साथ ही कहा कि आइएनएस विक्रांत को 2014 के बाद की उपलब्धि बताना पूरी तरह से गलत है।

जयराम रमेश ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री शासन में निरंतरता को कभी नहीं मानते। आइएनएस विक्रांत का कमीशन आज एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, लेकिन इसे 22 साल पहले शुरू किया गया था। इस दौरान वाजपेयी सरकार, मनमोहन सरकार और मोदी सरकार रही। उन्होंने कहा कि हम भारतीय नौसेना, इंजीनियरों, अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना करते हैं, लेकिन यह कहना कि यह पूरी तरह से 2014 के बाद की उपलब्धि है, यह गलत है। इसमें 22 साल लगे और इसका श्रेय सभी सरकारों को जाता है।

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बता दें कि आइएनएस विक्रांत के 76 फीसदी से ज्यादा उपकरण भारत में ही बनाए गए हैं। इसे 20 हजार करोड़ रुपए की लगात से तैयार किया गया है। आईएनएस विक्रांत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है, जिसका मतलब है कि युद्धपोत दो फुटबॉल फील्ड से भी बड़ा है। इसमें महिला सैनिकों की तैनाती के हिसाब से तैयार किया गया है, क्योंकि इसमें महिला सैनिकों की भी तैनाती होगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में एक समारोह में स्वदेश निर्मित युद्धपोत को नौसेना के बेड़े में शामिल किया। आइएनएस विक्रांत के सेवा में शामिल होने के साथ ही भारत उन देशों के समूह में शुमार हो गया है जिनके पास अपने युद्धपोत का डिजाइन तैयार करने तथा उसका निर्माण करने की क्षमता है।

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