बलात्‍कार के आरोपित चिन्मयानंद गिरफ्तार, कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जेल

चिन्मयानंद
चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर ले जाती पुलिस व एसआइटी।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ/शाहजहांपुर। कई दिनों की जद्दोजहद के बाद आखिरकार अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे स्वामी चिन्मयानंद को बलात्‍कार के आरोप मे शुक्रवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। चिन्मयानंद को उनके ही कॉलेज की छात्रा और उसके पिता द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया। एसआइटी ने आज चिन्मयानंद को बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ उनके मुमुक्षु आश्रम में घेरकर गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हे कोर्ट मे पेश किया। जहां स्थानीय अदालत ने स्वामी चिन्मानंद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

चिन्मयानंद को उनके निवास से गिरफ्तार कर पुलिस कोतवाली पहुंची, जहां से बाद में उन्हें चिकित्सीय परीक्षण के लिए मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंची और ट्रामा सेंटर में चेकअप कराया गया, जिसके बाद उन्‍हें कोर्ट में पेश किया गया। जहां कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद चिन्मयानंद को न्यायिक अभिरक्षा में लिया। उनको 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजनेे का आदेश दिया।

इसके बाद उनको कड़ी सुरक्षा में शाहजहांपुर जिला जेल भेजा गया है। पुलिस चिन्‍मयानंद को कार्ट से जेल ले गई। इस दौरान एसआइटी प्रभारी नवीन अरोड़ा के साथ ही अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे। वहीं  किसी भी अनहोनी की आशंका के कारण एसआइटी टीम के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर तैनात रहा।

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मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तारी से पूर्व चिन्मयानंद के सहयोगियों और समर्थकों ने खासा विरोध भी किया। पहले से हर बाधा से निपटने को तैयार एसआइटी ने चिन्मयानंद की गिरफ्तारी के विरोध को विफल कर दिया।

गौरतलब है कि कई दिन से एसआइटी की जांच पर सवालिया निशान लगाए जाने लगे थे। वजह थी तमाम गवाह सबूतों की मौजूदगी के बाद भी आरोपित स्वामी की गिरफ्तारी न होना।

वहीं दो दिन पहले ही पीड़िता ने अदालत में धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराए थे। तभी आशंकाएं प्रबल होने लगी थीं कि, चिन्मयानंद की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है। उधर पीड़िता के अदालत में बयान दर्ज कराते ही आरोपी चिन्मयानंद कथित बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती हो गया था।

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दूसरी ओर स्वामी को गिरफ्तार न किए जाने से नाराज पीड़ित छात्रा ने कुछ घंटे पहले ही धमकी दी थी कि अगर आरोपी अब भी गिरफ्तार नहीं किया गया तो वो आत्महत्या कर लेगी। सूत्र बताते हैं कि पीड़िता की इस धमकी के बाद ही एसआइटी की जांच में अचानक तेजी आ गई। जिसका परिणाम एसआइटी द्वारा स्वामी की गिरफ्तारी के रूप में सामने आया है।

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यहां बताते चलें कि  स्वामी पर उनके ही कॉलेज में पढ़ने वाली कानून की एक छात्रा ने दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय विशेष पीठ गठित करवा कर पूरे मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित करने का निर्देश दिया था। स्वामी को गिरफ्तार करने वाली एसआइटी टीम का नेतृत्व यूपी पुलिस के महानिरीक्षक नवीन अरोरा कर रहे हैं।

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