आरयू ब्यूरो, लखनऊ। पूर्व सांसद व माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हुई हत्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की गई है। सोमवार को अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व आइपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने देश की सबसे बड़ी अदालत में रिट पिटिशन दाखिल कर इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट की निगरानी में सीबीआइ जांच कराने की मांग की है।
भले ही अतीक अहमद और उसके भाई अपराधी हों…
अपनी याचिका में अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि भले अतीक अहमद और उसके भाई अपराधी हों किंतु जिस प्रकार से उनकी हत्या हुई है, उससे इसके राज्य पोषित होने की पर्याप्त संभावना दिखती है। साथ ही जिस प्रकार इस हत्या की पृष्ठभूमि है, उससे भी इस घटना के राज्य पोषित होने की संभावना बढ़ जाती है।
उच्च स्तरीय षड्यंत्र की संभावना
साथ ही कहा कि इस हत्या के बाद जिस प्रकार से यूपी पुलिस ने इस मामले को ढीला करने का प्रयास किया और मामले में कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं की है, उससे भी इस मामले के उच्च स्तरीय षड्यंत्र की संभावना दिखती है। अमिताभ ठाकुर ने आगे कहा कि भले ही कोई व्यक्ति अपराधी क्यों ना हो किंतु किसी भी व्यक्ति को पुलिस अभिरक्षा में राज्य द्वारा षड्यंत्र करके हत्या कर दिया जाना किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है।
अपनी याचिका में अमिताभ ठाकुर ने यह भी कहा है कि इन स्थितियों में यदि इस बात की संभावना व्यक्त की जा रही है कि यह राज्य पोषित हत्या हो सकती है तो निश्चित रूप से इसकी जांच स्थानीय पुलिस द्वारा नहीं की जा सकती और इसकी निष्पक्ष जांच सिर्फ सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के पर्यवेक्षण में सीबीआइ द्वारा ही की जा सकती है।
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बता दें कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हुई हत्या की जांच की मांग को लेकर पहले भी सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की जा चुकी है। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में मामले की जांच कराने की मांग की गई है। वहीं यूपी सरकार ने इस हत्याकांड की जांच के लिये इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग गठित किया है।