आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। एटीएस की टीम ने बीती रात सेना में भर्ती कराने के नाम पर दलाली करने वाला नेपाली नागरिक चंद्र बहादुर खत्री को उसके वाराणसी जिले के सदर बाजार (कैंट) इलाके से बीती रात गिरफ्तार किया है। यह सफलता एटीएस को सोमवार को भारतीय सेना में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जालसाजी कर भर्ती होने वाले दिलीप गिरी से पूछताछ के आधार पर मिली है।
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आईजी एटीएस असीम अरुण ने बताया चंद्र बहादुर खत्री 1982 में गोरखा रेजीमेंट गोरखपुर से भर्ती हुआ था। बाद में इसे 1991 में बर्खास्त कर दिया गया। बर्खास्तगी के बाद चंद्र बहादुर वाराणसी सेना रेजिमेंट के आस पास किराए का मकान लेकर रहने लगा।
जिसके बाद नेपाल से सेना में भर्ती होने के लिए आने वाले युवक इसके लक्ष्य पर रहते थे। 39 जीटीसी सेना रेजिमेंट वाराणसी में नेपाल से आने वाले युवकों से संपर्क कर स्थानीय प्रमाण पत्र, आवास शैक्षिक प्रमाण समेत अन्य फर्जी प्रमाण पत्रों को बनवा कर नेपाली मूल के लड़को से दलाली के पैसे लेता था तथा उन्हें सेना में भर्ती कराने का कार्य करता था।
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इससे पहले चंद्र बहादुर 2010 में फर्जी दस्तावेज बनाने के मामले में वाराणसी की ही कोतवाली चेतगंज से जेल जा चुका है। चंद बहादुर के खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनाने तथा शस्त्र अधिनियम के संबंध में दो मुकदमे चेतगंज कोतवाली में दर्ज हैं। वहीं चंद्र बहादुर के पिता भीम बहादुर भी सेना के गोरखा रेजीमेंट में सिपाही से सेवानिवृत्त कर्मी है।
इसके अलावा पकड़े जा चुके दिलीप गिरी वास्तविक नाम विष्णु लाल भट्टा राय को भी सेना में भर्ती होने के लिए चंद्र बहादुर ने ही फर्जी प्रमाण पत्र आदि उपलब्ध कराए थे। आईजी के अनुसार दोनों से पूछताछ जारी है।
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