आरयू ब्यूरो, गोरखपुर। कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन पर यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि ऑडी और मर्सिडीज से चलने वाले कुछ लोग दुर्भावना से ग्रसित होकर आंदोलन का हिस्सा बने हैं। उन्होंने कहा कि जो किसान हैं, वे गन्ने के खेत में गन्ना छिलाई और ढुलाई कर रहे हैं। गेहूं के खेत में काम कर रहे हैं, जो आंदोलन का हिस्सा हैं, वो वास्तविक किसान नहीं है। वे ऐसे लोग हैं, जिन्होंने किसानों को मजदूर बनाकर रखा है, ऐसे लोगों का वहां पर धरना और प्रदर्शन है।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षा भवन में ‘पूर्वांचल का सतत विकास’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करने आए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि करोड़ों रुपए की गाड़ी से चलने वाले लोग वहां पर धरना और प्रदर्शन कर रहे हैं। वे देश के किसानों का प्रतिनिधित्व करते हैं, ऐसा वे नहीं मानते हैं। कुछ चंद लोग सुनियोजित तरीके से राजनीतिक दुर्भावना से वहां पर ये काम कर रहे हैं। देश के किसानों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से स्थायी व्यवस्था किसानों के लिए की है।
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सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि 6000 रुपए सालाना देश के 12.5 करोड़ किसानों के खाते में भेजना उनकी कठिनाईयों के निवारण के लिए महत्वपूर्ण कारक बना है। उन्होंने कहा कि खाद्यान खरीफ और रबी की फसलों पर डेढ़ से दोगुना और कहीं पर उससे भी ज्यादा एमएसपी तय कर दी है,जहां पहले किसानों को 1300 से 1400 रुपए मिलते थे। आज 1900 से 2000 रुपए तक पहुंचे हैं। बीज, कृषि यंत्रों और विभिन्न प्रकार के तकनीकी यंत्रों पर सब्सिडी देकर किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कृषि मंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने बार-बार इस बात की अपील की गई है कि जो कुछ लोग गफलत पैदा कर रहे हैं कि एमएसपी समाप्त करने के साथ जमीन बंधक रख ली जाएगी। पूंजीपति कब्जा कर लेगा ये पूरी तरह से गलत है। कुछ लोग इस तरह का भ्रम भी पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एमएसपी पर और अधिक फसल की खरीद होगी। जमीन रेहन रखने की बात नहीं है। फसलों को लगाने को लेकर चर्चा होगी कि, किस तरह की फसल लगाई जाए। उस कानून के भीतर फसलों के बारे में कहा गया है।