“आयुष्‍मान भारत” से खुले गरीबों के लिए प्राइवेट अस्‍पतालों के द्वार, 20 हजार से अधिक मरीजों ने उठाया लाभ: सिद्धार्थ नाथ

गोल्डन कार्ड
अधिकारियों के साथ बैठक करते सिद्धार्थ नाथ सिंह।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। आयुष्मान भारत योजना से गरीब परिवारों के लिए भी बड़े व निजी अस्पतालों के दरवाजे खुल गए हैं, जो गरीब पैसों के अभाव में इलाज कराने में असमर्थ थे, उन्हें आयुष्मान भारत योजना ने एक संजीवनी प्रदान की है।

ये बातें सोमवार को योगी सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने जनपथ स्थित विकास भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने आगे कहा कि यूपी में योजना के लागू होने के चार महीने से भी कम समय में 20 हजार से भी अधिक गरीब लोगों को मुफ्त में इलाज मिल चुका है। इस योजना के तहत गरीब लोग कैंसर, हार्ट सर्जरी, ब्रेन सर्जरी आदि जैसी गंभीर बिमारियों का भी फ्री इलाज करा रहे हैं।

गोल्डन कार्ड के लिए 20 से 30 जनवरी तक चलेगा अभियान

स्वास्थ्य मंत्री आज बैठक में आयुष्मान भारत योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार और अधिक-से-अधिक मरीजों को लाभांवित कराने के कार्यों में और तेजी लाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड जारी करने के लिए अगामी 20 से 30 जनवरी तक प्रदेश के सभी जनपदों में व्यापक अभियान चलाया जायेगा।

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साथ ही इस योजना के तहत अब तक 6,01,724 लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड वितरित भी किये जा चुके हैं। योगी सरकार द्वारा योजना के कुशल संचालन, अनुश्रवण एवं निगरानी के लिए कॉल सेंटर (टोल फ्री हेल्प लाइन नंबर- 1800-1800-4444) की स्थापना की गयी है। इस पर कोई भी संपर्क कर सकता है।

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आंकड़ों की बात करते हुए सिद्धार्थ नाथ सिंह बोले कि आयुष्मान योजना के तहत अब तक 50,000 रुएए या इससे अधिक की राशि का इलाज करवाने वाले मरीजों की संख्या 523 है, जिनमें से 121 गंभीर हृदय रोग जैसे मामले हैं। ब्रेन ट्यूमर के 15 से अधिक मामले सामने आए हैं। साथ ही टोटल हिप रिप्लेस्मेंट के 93 मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि 80 लाख से अधिक लाभार्थी परिवारों को एसएमएस द्वारा जानकारी पहुंचा दी गई है। वहीं प्रदेश में 1,115 निजी एवं 420 सरकारी अस्पताल सहित कुल 1535 चिकित्सालय योजना से संबद्ध कराये जा चुके हैं।

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समीक्षा बैठक के दौरान प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी, मिशन निदेशक (एनएचएम) पंकज कुमार, निदेशक (प्रशासन) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य  पूजा पाण्डेय,  विशेष सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य नीरज शुक्ला तथा महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पद्माकर सिंह मौजूद थे।