जनसभा में आजम खान का CM योगी पर निशाना, मुकदमा ही लिखवाना था तो ताजमहल या कुतुबमीनार चोरी का लिखवा देते

आजम खान
जनसभा में बोलते आजम खान।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ/रामपुर। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान ने आज एक बार फिर सीएम योगी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए निशाना साधा है। आज रामपुर में आजम ने कहा कि हमारे ऊपर सैकड़ों मुकदमे हैं। मुर्गी चोरी का नहीं, मुर्गी डकैती का मुकदमा है, जो दफाएं लगाई गई हैं वह डकैती की हैं, चोरी की नहीं। हमारे मुखालिफ ने हमें बहुत हल्का आंका। किताबों की चोरी, फर्नीचर की चोरी के मुकदमे कराएं। अरे मुकदमा ही लिखवाना था तो कम से कम ताजमहल या कुतुबमीनार चोरी का लिखवा देते।

ये बातें आजम खान ने शहर के मुहल्ला चाह खजान खान पर हुई चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कही। बोले, 27 महीनों तक एक ऐसे अंधेरे माहौल में रहा, जिसका ख्याल भी डरा देता है। सोचिए, यह हिम्मत कहां से मिली और इतना लंबा अरसा आप से जुदा होकर कैसे गुजरा। वह शख्स जो सुबह से लेकर रात तक सैकड़ों और हजारों लोगों के बीच रहता हो उसको एक तन्हा कोठरी में बंद कर दिया जाए और इंसानों से बहुत दूर कर दिया जाए। उसके लिए हर लम्हा मौत से ज्यादा खतरनाक था। दुनिया में किसी मुलजिम को भी तीन महीने से ज्यादा तनहाई में नहीं रखा जा सकता।

साथ ही कहा कि अमेरिका और ब्रितानिया तक ने इस कानून को बदल दिया और यह कानून बना चाहे मुलजिम कितना ही संगीन जुर्म किए हुए क्यों न हो, कितनी ही बड़ी सजा क्यों न हो, उसे तीन महीने से ज्यादा तन्हा नहीं रखा जा सकता, लेकिन हमें यह कहते हुए कि कोई मार न दे, इसलिए अति सुरक्षा के नाम पर अकेली कोठरी में रख दिया गया।

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आजम खान ने कहा सुनो मेरी पार्लियामेंट की पहली तकरीर। शायद वह भी मेरी सजा का सबब बनी। उसमें मैंने दावा किया था जौहर यूनिवर्सिटी के मेडिकल कालेज में आठ आपरेशन थिएटर हैं और न्यूयार्क में भी उससे अच्छा आपरेशन थिएटर नहीं होगा। आज वह बंद पड़ा है और सब कुछ चोरी हो गया। मुझे माफिया घोषित किया गया। माथे पर कभी न मिटने वाला कलंक लगा दिया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने मेरे चेहरे पर लगी हुई कलंक के तमाम दाग धो दिए।

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