बागी विधायकों से मिलने बेंगलुरु पहुंचे दिग्विजय, पुलिस के मिलने से रोकने पर लगाएं आरोप

दिग्विजय सिंह
धरने पर बैठे दिग्विजय सिंह साथ में अन्य, कांग्रेसी। फोटो साभार, (एएनआइ)

आरयू वेब टीम। मध्य प्रदेश में सत्ता के लिए मचे सियासी घमासान के बीच अब एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पार्टी के बागी हुए 21 विधायकों को मनाने के लिए बुधवार को बेंगलुरू पहुंचे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने दिग्विजय को विधायकों से मिलने नहीं दिया। जिस पर दिग्विजय सिंह के साथ मौजूद तमाम कांग्रेस नेता धरने पर बैठ गए। जिसके बाद पुलिस ने एहतियाती तौर पर उन्‍हें हिरासत में ले लिया।

उनके साथ कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डी.के. शिवकुमार भी हैं, लेकिन उन्हें एहतियातन हिरासत में नहीं रखा गया है। दिग्विजय सिंह बुधवार सुबह बेंगलुरु के उस रिसॉर्ट पहुंचे थे, जहां 21 बागी विधायकों को रखा गया। कथित तौर पर पुलिस ने उन्हें विधायकों से मिलने नहीं दिया, जिसके बाद वह होटल के बाहर ही धरने पर बैठ गए। उनके साथ डीके शिवकुमार सहित पार्टी के कई नेता थे।

वहीं दिग्विजय सिंह ने कहा, “हम विधायकों के वापस आने की उम्मीद कर रहे थे। मैंने व्यक्तिगत रूप से पांच विधायकों से बात की है। उनका कहना है कि उन्हें कैद करके रखा गया है और उनके फोन भी छीन लिए गए हैं। हर कमरे के बाहर पुलिस तैनात है। 24 घंटे उन पर नजर रखी जा रही है।

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इतना ही नहीं दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि पुलिस हमें हमारे विधायकों से मिलने नहीं दे रही है। मैं मध्य प्रदेश से राज्यसभा का उम्मीदवार हूं और 26 मार्च को राज्यसभा चुनाव होना है, लेकिन मुझे मेरे विधायकों से मिलने नहीं दिया जा रहा। उन्हें यहां पर बंधक बनाकर रखा गया है।

साथ ही दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट भी किया। जिसमें उन्होंने लिखा कि बेंगलुरु पुलिस का कहना है कि हमारे जो विधायक यहां हैं, उनकी निजता के चलते हम उनसे नहीं मिल सकते हैं। निगरानी के लिए पुलिस 24 घंटे उन पर नजर रखे है। प्राइवेसी की रक्षा का ये गजब उदाहरण है। हर संवैधानिक अधिकार, हर संवैधानिक व्यवस्था की स्वार्थी व्याख्या भाजपा से सीखें।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन द्वारा मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखे गए पत्र के बाद भी फ्लोर टेस्ट नहीं कराया गया। जिसके चलते पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट में फ्लोर टेस्ट की मांग वाली याचिका दाखिल की। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री से जवाब मांगा था।

बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 21 विधायक दस मार्च से बेंगलुरू में मौजूद हैं। इन तमाम विधायकों ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना नेता बताया था, जबकि भाजपा मे शामिल होने को लेकर कुछ नही स्पष्ट किया था।

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