आरयू वेब टीम।
बागपत जिला जेल में सोमवार की सुबह माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गयी। ज्यादातर गोलियां मुन्ना के सिर में मारी गयी है। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के खास माने जाने वाले डॉन की जेल में हत्या की खबर लगते ही बागपत से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया है। वहीं हत्या के पीछे गैंगस्टर सुनील राठी और उसके शूटरों का नाम सामने आया है। सुनील राठी भी बागपत जेल में बंद है।
घटना से दस दिन पहले मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने सूबे की राजधानी लखनऊ में एक प्रेसवार्ता कर मीडिया के सामने पेशी के दौरान मुन्ना की हत्या होने की आशंका जतायी थी। साथ ही सीमा ने एसटीएफ के अफसर और प्रभावशाली लोगों का इसमें शामिल होने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सुरक्षा की गुहार लगायी थी। सीमा का आरोप ये भी था कि एसटीएफ के लोग उसके पति का फर्जी एनकाउंटर भी करने का षडयंत्र रच रहे हैं। उसने जेल में जहर दिए जाने का भी आरोप लगाया था।
#WATCH Seema Singh, wife of Gangster Munna Bajrangi, says, "I want to tell UP CM Adityanath ji that my husband's life is in danger. A conspiracy is being hatched to kill him in a fake encounter." (29.06.18) pic.twitter.com/o2uCuePKJe
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 9, 2018
जेलर, डिप्टी जेलर समेत चार निलंबित
दूसरी ओर आज तड़के हुई सनसनीखेज हत्या ने जहां यूपी की जेल में चल रहे जंगलराज को एक बार फिर सामने ला दिय है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बागपत जेल के जेलर, डिप्टी जेलर समेत चार जेलकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। सीएम ने मामले को संज्ञान में लेते हुए इसकी न्यायिक जांच के आदेश दिए है।
पेशी के लिए बागपत पहुंचा था डॉन
बताया जा रहा है कि करीब साल भर पहले बड़ौत के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित ने कुख्यात मुन्ना बजरंगी पर रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज कराया था। सोमवार को बागपत कोर्ट में पेशी के लिए रविवार रात ही बजरंगी को सुरक्षा के बीच झांसी से बागपत जेल भेजा गया था और आज सुबह उसकी हत्या कर दी गयी।
हत्या के बाद जेल में डीएम, एसएसपी समेत पुलिस व प्रशासन के तमाम आलाअधिकारी पहुंचे हैं। दूसरी ओर जेल के बाहर वकीलों का भी जमावड़ा है। मुन्ना के वकील का आरोप है कि तबियत खराब होने के बावजूद उनकी हत्या के लिए ही कल एम्बुलेंस से जेल लाया गया था। आरोप यह भी है कि बागपत सीजेएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नहीं कराई।
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