आरयू फॉलोअप।
शुक्रवार की शाम गोमतीनगर इलाके में हुई मुन्ना बजरंगी के करीबी ठेकेदार मोहम्मद तारिक की सनसनीखेज हत्या के मामले में 24 घंटा बीत जाने के बाद राजधानी पुलिस किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। ठेकेदारी विवाद, पुरानी रंजिश व वर्चस्व की जंग समेत तमाम बिन्दुओं पर जांच कर रही पुलिस की पकड़ से हत्या के मामले में नामजद किए गए चारों आरोपित भी अभी दूर ही हैं।
हालांकि पुलिस और एसटीएफ की टीमें राजधानी से लेकर पूर्वांचल के जिलों में शूटरों की तलाश में छापेमारी करने के साथ ही आरोपितों के परिचितों समेत अन्य संदिग्धों से पूछताछ भी कर रही है। पुलिस मामले में नामजद किए गए आरोपितों के अलावा दूसरे बिन्दुओं पर भी जांच कर रही है।
दूसरी ओर लोहिया अस्पताल से आज तारिक के शव के पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचने पर मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत सिंह ऊर्फ पीजे का साला विकास श्रीवास्तव अपने दर्जनों साथियों और अधिवक्ताओं के साथ मॉच्युरी पहुंचा। इस दौरान विकास सिंह ने राजधानी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले साल मार्च में उसके जीजा पुष्पजीत सिंह और उनके दोस्त की विकासनगर में बदमाशों ने गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी।
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घटना के करीब 20 महीने बीते जाने के बाद भी पुलिस आज तक हत्यारों को नहीं पकड़ सकी। पुलिस की ढिलाई को देखते हुए एक बार फिर बदमाशों ने पुष्पजीत के जानने वाले तारिक की उसी अंदाज में गोली मारकर हत्या कर दी। इस हत्या से भी पुलिस ने सबक नहीं लिया तो आगे फिर दूसरी घटना भी हो सकती है। वहीं विकास ने मीडिया के सामने यह भी आरोप लगाया कि उसके जीजा राजनीत में न आ सके इसके लिए भी इस तरह की घटना कराई जा रही है।
‘अपराधिक प्रवृत्ति का नहीं था मेरा भाई’
वहीं पोस्टमॉर्टम हाउस पर तारिक के भाई तौसिफ ने कहा कि इतने बेखौफ तरीके से हत्या के होने के साथ ही घटना में शामिल लोगों को पुलिस अब तक पकड़ नहीं पाई है। जबकि अब उसके भाई को अपराधिक प्रवृत्ति का बताकर केस दूसरी ओर मोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। तौसिफ ने साफ शब्दों में कहा कि उसके भाई का अपराध से कोई वास्ता नहीं था। उसने यह भी दावा किया कि वर्तमान में उसके भाई के ऊपर एक भी मुकदमा नहीं है। हालांकि सूत्र बताते है कि तारिक के खिलाफ वाराणसी की कोतवाली में अपराधिक मामले दर्ज हैं।
तारिक को मारी गई थी चार गोलियां, तीन मिली
सूत्रों के अनुसार तारिक को बदमाशों की एक-दो नहीं बल्कि चार गोलियां लगी थी। दो गोलियां उसके दाहिने हाथ में कोहनी के नीचे लगी थी। जिसमें से एक दूसरी ओर से पार हो गयी, जबकि दूसरी डॉक्टरों को मिल गयी। वहीं बाईं ओर पेट में एक व एक गोली कमर के निचले हिस्से में भी मारी गयी थी। यह दोनों गोलियां भी पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों को मिली हैं। पेट में लगी गोली तारिक के मौत की वजह बनी। हालांकि पुलिस रात नौ बजे तक इस बारें में कुछ भी बोलने से बच रही थी। वहीं पोस्टमॉर्टम के बाद शनिवार की शाम तारिक के शव को लेकर उसके रिश्तेदार और परिचित वाराणसी के लिए रवाना हो गए।
एसटीएफ व पुलिस की टीमें खुलासे में जुटी, शूटरों का बनवाया जाएगा स्केच
एएसपी नार्थ अनुराग वत्स ने बताया कि घटना के खुलासे के लिए पुलिस की तीन टीमों के साथ ही एसटीएफ की भी एक टीम छापेमारी, पूछताछ समेत दूसरे तरीकों से हत्यारों तक पहुंचने की कोशिश में लगी हुई है। इसके साथ किसी ऐसे व्यक्ति का भी पता लगाया जा रहा है जिसकी सहायता से शूटर का स्केच तैयार कराकर उनतक पहुंचा जा सके।
मामले की गहनता से जांच चल रही है। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। पुलिस अपने स्तर से कोशिश कर रही है कि जल्द से जल्द इस मामले का खुलासा किया जाए। जय नारायण सिंह, आईजी रेंज लखनऊ