आरयू वेब टीम। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को नगर निकायों में भी भाजपा का सूपड़ा साफ करते हुए राज्य की 107 नगरपालिकाओं में से 93 में जीत दर्ज की है। राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और नंदीग्राम से विधायक शुभेंदु अधिकारी का ‘गढ़’ मानी जाने वाली कांथी नगरपालिका में जीत हासिल की है, जबकि उत्तर बंगाल की पहाड़ों की राजनीति में नवआगंतुक ‘हमरो पार्टी’ ने तृणमूल कांग्रेस, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा और भाजपा को पछाड़ कर दार्जिलिंग नगरपालिका पर कब्जा कर लिया है। माकपा नीत वाम मोर्चा को नदिया जिले के ताहेरपुर नगरपालिका में जीत मिली है।
राज्य निर्वावन आयोग के अधिकारी ने कहा, ‘‘ तृणमूल पहले ही 93 नगरपालिकाओं में जीत दर्ज कर चुकी है जबकि सात अन्य नगरपालिकाओं में उसे बढ़त हासिल है। वाम मोर्चा और हमरो पार्टी ने एक-एक निकाय में जीत दर्ज की है। ’’ वहीं तृणमूल कांग्रेस ने 27 नगरपालिकाओं में सभी वार्डों पर जीत दर्ज कर वहां विपक्ष को शून्य पर पहुंचा दिया है। कम से कम चार नगरपालिकाएं ऐसी हैं जहां पर किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। इनमें मुर्शिदाबाद की बेलडांगा, पुरुलिया जिले की झालदा, हुगली जिले की चाम्पदानी और पूर्वी मिदनापुर की इगरा नगरपालिका शामिल हैं और यहां से जीते निर्दलीयों की भूमिका अहम हो गई है।
यह भी पढ़ें- एक बार फिर ममता बनर्जी निर्विरोध चुनी गईं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष
शुभेंदु अधिकारी और उनके परिवार को इस चुनाव में बड़ा झटका लगा है क्योंकि तृणमूल कांग्रेस ने कांथी नगरपालिका में जीत हासिल की है जिसे गत चार दशक से अधिकारी परिवार का ‘गढ़’ माना जाता था। नेता प्रतिपक्ष अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी वर्ष 1971 से 2009 के बीच (केवल एक बार वर्ष 1981-86 को छोड़कर) कांथी नगरपालिका के अध्यक्ष रहे हैं। यह अवधि करीब 25 साल है। सांसद बनने के बाद उन्होंने यह जिम्मेदारी अपने बेटे दिब्येंदु अधिकारी को सौंपी। दिब्येंदु अधिकारी जब वर्ष 2016 का लोकसभा उपचुनाव जीतकर सांसद बने तो उन्होंने यह जिम्मा अपने छोटे भाई सौमेंदु को सौंपा।