भारत के अस्तित्व में है एकता, दुनिया को चाहिए हमसे सीखना: मोहन भागवत

मोहन भागवत
मोहन भागवत। (फाइल फोटो)

आरयू वेब टीम। दुनिया भारत से सीख सकती है। भारत के अस्तिस्व में एकता है, हम अलग दिख सकते हैं। हम अलग-अलग चीजें खा सकते हैं, भाषा, पहनावा और संस्कृति को लेकर हमारे बीच छोटे अंतर हैं, लेकिन हमारा एक ऐसा दिमाग होना चाहिए जो बड़ी तस्वीर देख सके और इन चीजों में न फंसे। देश की सभी भाषाएं राष्ट्रभाषाएं हैं, विभिन्न जाति के सभी लोग मेरे हैं, हमें ऐसा स्नेह चाहिए। हमारे अस्तित्व में एकता है हमारे आगे बढ़ने से दुनिया भारत से सीख सकती है।

उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को महाराष्ट्र के नागपुर में ‘उत्तीष्ट भारत’ कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां उन्होंने ये बात कही। भागवत ने कहा कि समाज और देश के लिए काम करने का संकल्प लें। हम देश के लिए फांसी पर चढ़ेंगे। हम देश के लिए काम करेंगे। हम भारत के लिए गीत गाएंगे।

साथ ही कहा कि हमारा जीवन भारत को समर्पित होना चाहिए। पूरी दुनिया विविधता के प्रबंधन के लिए भारत की ओर देख रही है। जब विविधता को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने की बात आती है तो दुनिया भारत की ओर इशारा करती है। भागवत ने कहा कि ऐसी कई ऐतिहासिक घटनाएं हैं जो हमें कभी नहीं बताई गईं और न ही सही तरीके से सिखाई गईं।

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इससे पहले आरएसएस ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का समर्थन किया और राष्ट्रीय झंडा फहराने का वीडियो पोस्ट किया। इसके साथ ही लिखा कि स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मनाएं। हर घर तिरंगा फहराएं। राष्ट्रीय स्वाभिमान जगाएं भागवत ने नागपुर में संघ के हेडक्वार्टर पर तिरंगा फहराया। नागपुर जिला कलेक्टर आर विमला ने आरएसएस मुख्यालय का दौरा किया और भागवत को अभियान के तहत एक राष्ट्रीय ध्वज भेंट किया।

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